नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर सियासी पारा गरमाया हुआ है। सत्ताधारी पार्टी भाजपा हो या फिर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस, दोनों ही ओर से जमकर चुनाव प्रचार किया जा रहा है। हालांकि जनता का क्या फैसला होगा ये तो 23 मई को पता चलेगा। इससे पहले दिग्गज दलित नेता और वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने बड़ा दावा किया है। महाराष्ट्र में असदुद्दीन ओवैसी के साथ गठबंधन में लोकसभा चुनाव लड़ने वाले वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) के मुखिया प्रकाश आंबेडकर ने कहा, “अगले प्रधानमंत्री न तो नरेंद्र मोदी बनेंगे और न ही राहुल गांधी, इस बार “तीसरे मोर्चे” के किसी नेता को लोकसभा चुनाव के बाद ये प्रतिष्ठित पद मिल सकता है।
दलित नेता और बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर के पौत्र प्रकाश आंबेडकर ने दावा किया, “देश के अगले प्रधानमंत्री न तो नरेंद्र मोदी बनेंगे और ना ही राहुल गांधी। इस बार जनता दल सेक्युलर के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ‘किंग मेकर’ साबित होंगे।” वंचित बहुजन आघाडी (VBA) के अध्यक्ष ने कहा, “इस बार भाजपा को 148 से 200 लोकसभा सीटें मिलेंगी, जबकि कांग्रेस का आंकड़ा 100 सीटों के आसपास रहेगा। बाकी सीटों पर क्षेत्रीय पार्टियों और VBA जैसे संगठनों का कब्जा होगा।
दलित नेता और वंचित बहुजन आघाडी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर मुंबई में पत्रकारों के साथ बातचीत कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने कहा, “मेरे अनुमान के मुताबिक इस लोकसभा चुनाव में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिलेगा। जिसकी वजह से न तो नरेंद्र मोदी और न ही राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने की संभावना है। लोकसभा चुनाव के नतीजों में भाजपा को 148 से 200 सीटें तो कांग्रेस को 100 सीटें मिल सकती हैं। शेष सीटें क्षेत्रीय दलों और छोटे संगठनों को मिलेंगी। ऐसे में ‘तीसरा मोर्चा’ इस चुनाव में मजबूत बनकर उभरेगा और इसी से कोई चौंकाने वाला नाम प्रधानमंत्री बनेगा।”
प्रधानमंत्री के सवाल पर प्रकाश आंबेडकर ने कहा, “इस बार की स्थितियों के मद्देनजर पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस अध्यक्ष एचडी देवगौड़ा ‘छुपे रुस्तम’ साबित हो सकते हैं। देवगौड़ा इसलिए सभी को स्वीकार होंगे क्योंकि उन्होंने कभी भी दूसरे राज्यों की पार्टियों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं किया। बात करें कांग्रेस पार्टी की तो उनके सामने कई मुश्किलें और चुनौतियां हैं। अलग-अलग राज्यों में कई दल कांग्रेस के विरोध में हैं, वहीं कांग्रेस ने भी क्षेत्रीय पार्टियों को अहमियत नहीं दी है, ऐसे में ये पार्टियां कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री के दावेदार को स्वीकार नहीं करेंगी।”