श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर हुए बम विस्फोटों के बाद श्रीलंकाई सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। एक प्रेस रिलीज जारी कर सोमवार से सभी किसी भी तरह से चेहरा ढकने पर रोक लगा दी है। इससे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
श्रीलंका के राष्ट्रपति ने लिखा, “ऐसे कपड़े पहनना जो चेहरे को पूरी तरह से ढकते हो, सोमवार से उनपर प्रतिबंध है।” बता दें कि सरकार ने यह कदम तब उठाया है जब वहां के सांसदों ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बुर्के पर बैन लगाने के लिए एक प्राइवेट मेंबर मोशन पेश किया। जिसके बाद सरकार ने यह कदम उठाया है।
मुस्लिम मौलवियों के एक संगठन एसीजेयू ने भी एक बयान जारी कर मुस्लिम महिलाओं से अपील की है कि वे अपने चेहरे को ढंकने वाले किसी तरह के नकाब को न पहनें, ताकि सुरक्षा बलों को राष्ट्रीय सुरक्षा बनाए रखने के उनके प्रयासों में बाधा न हो।
बता दें कि इससे पहले चाड, कैमरून, गाबोन, मोरक्को, ऑस्ट्रिया, बुल्गारिया, डेनमार्क, फ्रांस, बेल्जियम और उत्तर पश्चिम चीन के मुस्लिम बहुल प्रांत शिनजियांग में बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है।
गौरतलब है कि 21 अप्रैल को ईस्टर संडे के दिन श्रीलंका में तीन गिरिजाघरों और तीन फाइव स्टार होटलों सहित अन्य जगहों पर एक के बाद एक 8 बम धमाके हुए थे। इन आतंकी हमलों में करीब 253 से लोग मारे गए थे और 500 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इसके बाद शुक्रवार को पूर्वी प्रांत में सुरक्षाबलों के साथ आतंकियों की मुठभेड़ हुई थी। मुठभेड़ के दौरान एक आतंकी ने खुद को उड़ा लिया था। जिसमें 6 बच्चों और 3 महिलाओं सहित 15 लोग मारे गए थे। घटनास्थल से भारी मात्रा में विस्फोटक भी बरामद हुआ था। इन सभी हमलों की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली थी।
मालूम हो कि इस हमले की पूरी दुनिया ने विरोध किया था और साथ ही साथ हिन्दुस्तान के कई सारे मुस्लिम संस्थाओं ने इस घटना को लेकर कैंडल मार्च किया था।