नई दिल्ली। राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह को लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए प्रचार करने के कारण कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। चुनाव आयोग ने कहा कि उन्होंने अपने संवैधानिक पद के नियमों का उल्लंघन किया है। ईसी ने इसे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन मान अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी थी। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने “आवश्यक कार्रवाई” के लिए सरकार को फाइल भेजी है।
राष्ट्रपति कोविंद ने अंतर्राष्ट्रीय यात्रा से लौटने के बाद गृह मंत्रालय को पत्र भेजा। स्वतंत्र भारत में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी राज्यपाल को प्रधानमंत्री के लिए आदर्श आचार संहिता और अभियान का उल्लंघन करते हुए पाया गया है। कोड राज्यपाल की तरह संवैधानिक संस्थाओं पर लागू नहीं होता है। राष्ट्रपति ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें लगता है कि राज्यपालों को सक्रिय राजनीति से दूर रखना चाहिए।
वहीं चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति को लिखा कि एक राज्यपाल ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है जो एक संवैधानिक प्राधिकरण का एक गंभीर और दुर्लभ अभियोग है। उधर कांग्रेस ने राष्ट्रपति से मिलने के लिए वक्त मांगा है। कहा जा रहा है कि मुख्य विपक्षी दल कोविंद से सिंह की शिकायत करेगा, जिसमें उन्होंने अपने पद और दफ्तर का गलत इस्तेमाल किया।
सूत्रों का कहना है कि अब प्रधानमंत्री को इस बारे में निर्णय लेना होगा कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान राज्यपाल को हटाया जा सकता है या नहीं।
गौरतलब है कि राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने अलीगढ़ में 25 मार्च को सभी देशवासियों को भाजपा का कार्यकर्ता बताया था। उन्होंने कहा था कि हम सभी भाजपा कार्यकर्ता हैं और सभी चाहते हैं कि भाजपा चुनाव जीते। कल्याण सिंह ने कहा था कि हम चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनें ये देश के लिए बहुत जरूरी है।