भोपाल: मध्य प्रदेश में 15 सालों के बाद कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई है। सत्ता में वापसी के बाद राज्य की कमलनाथ सरकार ने पूर्व की भाजपा सरकार के कई फैसलों को पलटा है, जिसको लेकर भाजपा-कांग्रेस में जुबानी जंग देखने को मिलती रही है। लेकिन कमलनाथ सरकार के राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के दफ्तर से सुरक्षा हटाने के बाद कांग्रेस के अंदर ही खींचतान दिखाई देने लगी है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार को आरएसएस के कार्यालय से सुरक्षा हटाने का फैसला लिया था जिसपर दिग्विजय सिंह ने ही सवाल खड़े कर दिए हैं।
कमलनाथ सरकार ने RSS दफ्तर से हटाई सुरक्षा
सीएम कमलनाथ के इस फैसले पर दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाए और संघ कार्यालय की सुरक्षा बहाल करने की अपील की है। दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, ‘भोपाल राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ कार्यालय से सुरक्षा हटाना बिल्कुल उचित नहीं है। मैं मुख्यमंत्री कमलनाथ से अनुरोध करता हूं कि तत्काल पुन: पर्याप्त सुरक्षा देने के आदेश दें।’
नेता प्रतिपक्ष ने साधा कमलनाथ पर निशाना
कमलनाथ सरकार के इस फैसले से मध्यप्रदेश में सियासत गरमा गई है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने भी इसकी आलोचना की और सीएम कमलनाथ पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘भोपाल स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालय से सुरक्षा का हटाया जाना सीएम कमलनाथ का बेहद ही निंदनीय कदम है। एमपी कांग्रेस द्वारा शायद फिर किसी हमले की योजना बनाई गई है। अगर किसी स्वयंसेवक को खरोंच भी आई तो कांग्रेस सरकार की ईंट से ईंट बजा दी जाएगी।’
कमलनाथ सरकार ने इससे पहले सरकार बनने पर किसानों के कर्जा माफी का काम किया था, जिसके पश्चात् मध्यप्रदेश की जनता ने लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को लाने का मूड बना लिया है।