नई दिल्ली: एक्टर से राजनेता बने शत्रुघ्न सिन्हा ने पिछले रविवार को बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में जाने का ऐलान किया। उन्होंने कांग्रेस ज्वॉइन करने हुए कहा कि कांग्रेस सही अर्थों में राष्ट्रीय पार्टी है और उनके पारिवारिक मित्र लालू यादव ने भी इसका सुझाव दिया था। गौरतलब है कि बीजेपी ने शत्रुघ्न सिन्हा की जगह केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को पटना साहिब से टिकट दिया है। पिछले कुछ समय से वो लगातार बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व खासकर पीएम मोदी के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाए हुए थे।
शत्रुघ्न सिन्हा ने कांग्रेस ज्वाइन करने पर कहा कि मेरे पारिवारिक मित्र (राजद प्रमुख) लालू यादव ने भी सुझाव दिया कि आप कांग्रेस में जाएं। हम आपके साथ हैं और राजनीतिक रूप से भी साथ रहेंगे । यह लालू यादव की अनुमति और उनके साथ समझौते के बाद किया गया। उन्होंने एक महत्वपूर्ण तथ्य बताया कि पटना साहिब सीट लोकसभा सीट महागठबंधन के बीच हुए सीट बंटवारे में कांग्रेस के पास चली गई थी और उन्होंने कहा था कि जो भी स्थिति हो वो अपनी पुरानी सीट से ही लड़ेंगे। गौरतलब है कि साल 2009 और 2014 में उन्होंने पटना साहिब से जीत दर्ज की है।
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल समेत अन्य पार्टियों उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करना चाहते थे। लेकिन मैंने साफ कर दिया था कि जो भी स्थिति होगी, उनका निर्वाचन क्षेत्र पटना साहिब होगा और वो आगामी लोकसभा चुनावों में पटना साहिब से ही लड़ेंगे।
शत्रुघ्न सिन्हा ने बीजेपी छोड़ने पर कहा कि ये उनके लिए कष्टदायक था, क्योंकि वो लंबे समय से पार्टी से जुड़े हुए थे। लेकिन वो पार्टी के दिग्गजों लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा के साथ किए जा रहे सलूक से बहुत परेशान थे। गौरतलब है कि पार्टी ने लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को टिकट नहीं दिया है।पीटीआई से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि वो
साल 2014 में पटना साहिब से पार्टी के सहयोग के बिना अपने दम पर जीते थे। उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि वो अपनी जीत का पिछला रिकॉर्ड तोड़ देंगी।