कर्नाटक के धारवाड़ में निर्माणाधीन इमारत गिरने से अबतक 14 लोगों की मौ’त हो गई है. वहीं 56 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. जबकि 12 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं. मलवा हटाने का काम अभी भी जारी है. घटना 19 मार्च बेंगलुरु से 400 किमी दूर कुमारेश्वर नगर में हुई. पांच मंजिला इमारत का निर्माण बीते दो साल से चल रहा था. जिस वक्त यह हादसा हुआ, उस वक्त भी तीसरी मंजिल पर काम चल रहा था.
जिला आयुक्त दीपा चोलन के मुताबिक धारवाड़ हादसे में 14 लोगों की मौ’त हो गई हैं. उन्होंने बताया, ‘कल हमने दो लोगों को बचाया. मलबे में तीन और लोग फंसे हुए हैं. हमने उन्हें ऑक्सीजन और ओआरएस दिया है. एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें बचाव अभियान चला रही है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हादसे के वक्त 150 लोगों वहां पर मौजूद थे.हादसा जब हुआ उसके तुरंत बाद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम पहुंच गई थी. 56 लोगों को तुरंत मलवे से निकाला गया और अस्पताल पहुंचाया गया. जबकि 13 लोग इस हा’दसे में अपनी जान गवा दिए. घायलों का इलाज सिविल अस्पताल में चल रहा है.
पुलिस ने बताया कि दिव्या उनाकल (8), दक्षायिणी (45) और एक अन्य अज्ञात व्यक्ति का शव बचाव अभियान के तीसरे दिन मलबे से निकाला गया। बचावकर्मियों को कम से कम 12 से 15 अन्य लोगों के मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है क्योंकि उन्होंने मलबे के भीतर से आवाज आती सुनीं। चार मंजिला इमारत कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री विजय कुलकर्णी के रिश्तेदारों में से एक की थी। यह इमारत मंगलवार को गिरी थी। हा’दसे में 56 लोग घायल हुए थे
कांग्रेस नेता विनय कुलकर्णी ने कहा था कि इमारत के साझेदारों में से एक उनके रिश्तेदार हैं। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि इसमें जो भी शामिल है उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। मलबे में फंसे हुए अधिकतर लोग उत्तर भारत के प्रवासी मजदूर हैं जो वहां टाइल लगा रहे थे।
मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा था कि वह एक निर्माणाधीन इमारत के ढहने की खबर मिलने से स्तब्ध रह गए।कुमारस्वामी ने कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव को बचाव अभियान की निगरानी करने और विशेष उड़ान से अनुभवी बचाव दल धारवाड़ भेजने के निर्देश दिए हैं।