क्रिकेटर श्रीसंत पर लगे आजीवन प्रतिबन्ध को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला लिया है कोर्ट ने बीसीसीआई को श्रीसंत के प्रतिबंद मामले में एक बार दोबारा से गौर करने के लिए 3 महीने का समय दिया है। हालांकि बीसीसीआई के निर्णय तक श्रीसंत पर प्रतिबंद जारी रहेगा।
मैच फिक्सिंग के आरोप में आजीवन प्रतिबन्ध की सजा झेल रहे श्रीसंत की याचिका पर फैसला सुनाते हुए मामले में सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अगुवाई वाली पीठ ने बीसीसीआई से इस बारे में एक बार फिर नए सिरे से विचार करने के लिए कहा है।
गौरतलब है कि बीसीसीआई द्वारा लगाए गए लाइफ बैन के खिलाफ एस. श्रीसंत द्वारा दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 28 फरवरी को फैसला सुरक्षित रखा था. बीसीसीआई ने श्रीसंत पर आईपीएल-2013 में स्पॉट फिक्सिंग मामले में लाइफ बैन लगाया था. बीसीसीआई के इस निर्णय के खिलाफ श्रीसंत ने याचिका दायर की थी, जिस पर पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.
बीसीसीआई की ओर से इस मामले में अदालत में कहा कि श्रीसंत पर भ्रष्टाचार, सट्टेबाजी और खेल को बदनाम करने के आरोप हैं. बोर्ड की ओर से अदालत में दलील दे रहे वरिष्ठ वकील पराग त्रिपाठी ने कहा कि खेल में भ्रष्टाचार और सट्टेबाजी के लिए सजा लाइफ बैन है.
मामले में श्रीसंत की तरफ से दलील दे रहे वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने कहा कि यह बीसीसीआई को स्थापित करना है कि वह 10 लाख रुपये मैच फिक्सिंग से संबंधित हैं. टेलीफोन पर हुई बातचीत को लेकर खुर्शीद ने कहा कि लेनदेन तब होता जब खिलाड़ी एक ओवर में 14 रन से कम देता. अपनी बात खत्म करते हुए खुर्शीद ने अदालत से कहा कि युवा क्रिकेट खिलाड़ी जो अब युवा नहीं रहा, लेकिन अभी भी उसमें क्रिकेट को लेकर जुनून बाकी है, उसके करियर को बर्बाद होने से बचाया जाए. इससे पहले की सुनवाई में श्रीसंत ने कहा था कि उन्होंने दिल्ली पुलिस के दबाव में जुर्म कबूला था.