नई दिल्ली: जज लोया मामले पर फैसला आने पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रशांत भूषण ने जो अहम बिंदु बताये उसे लेकर अब चर्चा होने लगी है। प्रशांत भूषण ने कोर्ट से बाहर आते ही कहा कि, सुप्रीम कोर्ट उन चार जजों के बयान को आधार बनाया जिनके बयान का कोर्ट में कोई हलफनामा नहीं आया। उस पुलिस अधिकारी के बयान का कोई हलफनामा भी नहीं आया जिसके सामने चारों जजों ने बयान दिए थे।
यह गलत फैसला है और मेरी राय में सुप्रीम कोर्ट के इतिहास का काला दिन है। इस मामले आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि अगर जस्टिस लोया के 4 साथी जजों ने शपथ पत्र पर कोई बयान ही नही दिया तो सुप्रीम कोर्ट किस आधार पर जस्टिस लोया की मौत की जाँच से मना कर रहा है एक रूम में 3 जज कैसे रुके?
फैसले के बाद प्रशांत भूषण ने लोया के परिवार का भी हवाला देते हुए कहा जज लोया के परिवार ने भी उनकी मौत को लेकर सवाल उठाए थे। उनकी फैसली ने कहा था कि वहां के चीफ जस्टिस ने जज लोया को घूस ऑफर की थी, इस पर भी सुप्रीम कोर्ट ने कुछ नहीं कहा। ऐसे में एक स्वतंत्र जांच के बजाए सुप्रीम कोर्ट ने इस पर्दा डालने का काम किया है।