ENBA अवॉर्ड्स 2018 की घोषणा हो गई है। इस बार अवॉर्ड समारोह में NDTV इंडिया का जलवा दिखा। NDTV इंडिया को बेस्ट न्यूज चैनल ऑफ द ईयर के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। इसके साथ ही चैनल के रिपोर्टर सौरभ शुक्ला को यंग प्रोफेशनल ऑफ द ईयर (एडिटोरियल हिंदी) चुना गया। अवॉर्ड समारोह में चैनल की तरफ से यह पुरस्कार लेने के लिए वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार के साथ-साथ NDTV इंडिया की पूरी टीम मौजूद थी।

इस मौके पर रवीश कुमार ने इस अवॉर्ड के लिए चुने जाने पर सभी का शुक्रिया अदा किया और मौजूदा दौर में मीडिया के भड़!काऊ रवैये पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हमें ऐसे माहौल में उन्माद की भाषा के इस्तेमाल से बचने की ज़रूरत है। इस पेशे का उसूल यही है कि हम काम करते हुए हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि न तो खुद भावनाओं में बहेंगे और न ही किसी को उकसाएंगे। रवीश कुमार ने कहा कि आप सब जब यहां से जाएंगे तो अपने अपने ट्वीट को पढ़िएगा।

मैं मजा खराब नहीं करना चाहता लेकिन आप चैनल वालों ने सच में हिन्दुस्तान का मजा खराब कर दिया है। जो भाषा और जिस तरह से काम चल रहा है। उन्होंने NDTV की तारीफ़ करते हुए कहा कि पिछले पांच साल से आज या कल जब कोई दस साल बाद यू-ट्यूब के तहखाने में जाकर ढूंढेगा कि इस समय कौन क्या कर रहा था तब पता चलेगा कि कोई NDTV भी था जो भी!ड़ नहीं बन रहा था। न हम भी!ड़ बन रहे थे न हम भी!ड़ बना रहे थे। रवीश कुमार ने मीडिया को उसकी ज़िम्मेदारी याद दिलाते हुए कहा कि जनता को आपसे बहुत उम्मीदें हैं। हम यूं ही घटना से पहले या घटना के बाद भी गांवों और घरों से जुड़े रहते हैं। हमें मालूम है कि उन घरों से आने वाले सीआरपीएफ के जवानों के मां-बाप पर क्या गुजरी है। हम इस घटना की भावना से नहीं बोल रहे हैं लेकिन उनकी तकलीफ को हमने लंबे समय से कवर किया है। इसलिए हम कहते हैं कि अगर आपके जज्बातों में ईमानदारी है तो अर्धसैनिक बल के पेंशन की लड़ाई लड़ लीजिए। वह ठेले वाले, टैंपू वाले, किसान और मजदूरों के घर से आते हैं। वह आ रहे हैं तीन मार्च को और अपनी-अपनी राष्ट्रभक्ति का इम्तिहान दे दीजिए।

और ट्वीट करियेगा कि पीएम जी हम आपका भाषण बाद में सुन लेंगे लेकिन पहले आप इनको पेंशन दे दीजिए। उन्होंने आगे कहा कि रवीश का टाइम कभी खत्म नहीं हो सकता है। आपको हजारों अवॉर्ड मिल जाएंगे लेकिन कभी रवीश खत्म नहीं होगा। पत्रकारिता में हर आम आदमी कभी न कभी कोई न कोई रवीश ढूंढेंगे। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि हम आपस में यह जहर न घोलें और न अपनी आदत से जनता के बीच दर्शकों के बीच सनक की हवा की तेज करें। यह हमारी जिम्मेदारी है।