नई दिल्ली: अगले साल देश में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं और देश में जिस तरह के हालात बन रहे हैं, बीजेपी चिंता में आ गई है।
हाल ही में एससी/एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के बदलाव के फैसले के चलते दलित संगठनों द्वारा भारत बंद किया गया और अब देश में बढ़ रही रेप की वारदातों को लेकर लोगों में बीजेपी के खिलाफ गुस्सा है। ये गुस्सा इसलिए हैं क्यूंकि बीजेपी ने साल 2014 में इस देश की जनता से बहुत से वादे किए थे जिन्हे पूरा करने में मोदी सरकार असमर्थ रही है।
जनता को शांत कराने के तरीके ढूंढ रही बीजेपी अब एससी/एसटी कानून पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश पलटने के लिए कानून ला सकती है।
बताया जा रहा है कि कानून मंत्रालय इस पर काम करते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने के लिए सरकार एक अध्यादेश का मसौदा तैयार कर रहा है।
हालांकि केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है। लेकिन लगातार बढ़ रहे राजनीतिक दबाव के कारण सरकार अपनी छवि को लेकर सतर्क होती नजर आ रही है।
गर सुप्रीम कोर्ट में दायर पुनर्विचार याचिका से कोई हल नहीं निकलता है तो सरकार अध्यादेश के जरिये पहले वाली स्थिति बहाल कर सकती है।
इसका अंदाज़ा पहले ही लगाया जा रहा था की दलित विरोधी छवि से बाहर आने के लिए एक बड़ा कदम उठा सकती है। इस मुद्दे पर हो रहे लगातार विरोध के बीच पीएम ने दलितों को संबोधित करते हुए कहा था कि आपके हक की चिंता करना सरकार का दायित्व है। वहीँ इस बारे में केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि सरकार के पास सभी रास्ते खुले हैं। हालांकि अभी सरकार खुलकर इस मुद्दे पर कुछ भी नहीं बोल रही है।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में ठीक से बात न रख पाने के लिए सरकार की पहले ही काफी आलोचना हो रही है।