लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक दल एक दूसरे छींटाकशी करने लगे हैं. हाल ही में मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने हार के बाद राज्य में लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है. कांग्रेस के हाथों हार का सामना करने के बाद बीजेपी मध्यप्रदेश में अपनी पैठ दुबारा बनाने के लिए पूरी कोशिशों में जुटी हुई है.
जहाँ एक ओर ये ख़बरें आ रही हैं कि भाजपा इस कोशिश में है कि वो मध्य प्रदेश में कांग्रेस के विधायकों को अपने पक्ष में कर ले वहीँ अब ख़बर है कि कांग्रेस के समपर्क में कुछ भाजपा विधायक हैं. इस ख़बर की भनक भाजपा को लग गयी है और वो कोशिश में है कि जो भी नाराज़ विधायक हैं उन्हें मनाया जाए. भाजपा के वरिष्ठ नेता कहते आ रहे हैं कि जिस दिन चाहेंगे कांग्रेस की सरकार गिरा देंगे.

इसी बात को समझते हुए कांग्रेस ने पहले ही ऐसी तैयारी कर ली है जो भाजपा को चौंका सकती है.ऐसी ख़बर है कि भाजपा के 4-6 विधायक कांग्रेस के संपर्क में हैं. दिग्विजय सिंह इस बारे में सारी कार्यवाही कर रहे हैं और सभी भाजपा विधायकों से संपर्क साधे हुए हैं. बताया जा रहा है कि इन विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराने की कोशिश तो हो ही रही है, कई और विधायकों को अपने पक्ष में लाने की बात भी चल रही है.

असल में भाजपा दावे कर रही थी कि उसके संपर्क में कुछ कांग्रेस विधायक हैं लेकिन ये तोड़ कांग्रेस ने ऐसा निकाला है जिसके बाद भाजपा सकते में पड़ गई है.भाजपा नेता अब आनन् फानन में मीटिंग कर रहे हैं और सभी विधायकों से पार्टी के साथ बने रहने को कह रहे हैं. मुख्यमंत्री कमलनाथ इस बात को समझ रहे हैं इसलिए वो भी भाजपा के विधायकों से संपर्क बनाए हैं लेकिन इसमें बड़ा खेल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ही कर रहे हैं.
दिग्विजय सिंह कोशिश में हैं कि स्थिति ऐसी कर ली जाए कि राज्य की सरकार पर कोई संकट न बचे. भाजपा अपने ही खेल में यहाँ फँसती दिख रही है तो अब वो कह रही है कि वो किसी विधायक को नहीं तोड़ रही है. लोकसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश की सियासत नए रंग दिखाने में लगी है.