लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में अखिलेक्ष यादव और मायावती ने हाथ मिला लिया है और साथ में गठबंधन करके चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। सपा और बसपा का यह गठबंधन ऐतिहासिक साबित हो सकता है। क्योंकि चुनाव से पहले आ रहे सर्वे में भाजपा को हार मिलती हुई बताई जा रही है। कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा पिछली बार की तरफ कामयाब नहीं हो पाएगी और उसे काफी सीटों का नुकसान होने वाला है। पिछली बार तो मोदी का जादू चल गया था साल 2014 में भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू चल गया था। लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी नजर नहीं आ रहा है बल्कि सपा बसपा गठबंधन भारतीय जनता पार्टी से ज्यादा मजबूत हैं।

गौरतलब है कि अब उत्तर प्रदेश की राजनीति में सपा और बसपा ने भाजपा से मुकाबला करने के लिए आपस में हाथ मिला लिया है। अभी चुनाव होने में 2 महीने बाकी है। लेकिन उससे पहले ही अब उत्तर प्रदेश में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष दुर्गविजय राय की हरकत और बुरे बर्ताव की वजह से जिले के भाजपा नेता और कार्यकर्त्ता काफी समय से परेशान थे।अब उनका सब्र का बाँध टूट पड़ा है। बताया जा रहा है कि सभी बीजेपी कार्यकर्ताओं ने मिलकर एक साथ पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। खबर के मुताबिक एक साथ लगभग 1500 कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दे दिया है।

इस्तीफा देने वाले नेताओं का कहना है कि सत्ता की आड़ में जिलाध्यक्ष दुर्गविजय राय विभागों से अवैध धन उगाही कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि ऐसी छवि वाले नेता से पार्टी का नाम बदनाम हो रहा है और चुनाव में जीत मुश्किल भी हो जाएगी। उन्होंने दुर्गविजय राय को पद से हटाकर किसी साफ सुथरी छवि वाले नेता को जिलाध्यक्ष बनाने की मांग की है। गौरतलब है कि आने वाले लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को इतने बड़े स्तर पर झटका मिलना काफी हानिकारक साबित हो सकता है। पहले ही उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और योगी सरकार की काफी किरकिरी हो रही है, इस वक्त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुंभ मेले में व्यस्त चल रहे हैं और गंगा में डुबकी लगाते हुए नजर लगाते हुए नजर आ रहे हैं।