इस वक्त भारत में महान कुछ ऐसा है कि राजनेताओं या फिर धर्म के ठेकेदार कोई भी नफरत और हिंसा फैलाने की कमी नहीं हो रहा। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर तरह तरह के बयान दिए जा रहे हैं। जिससे लोगों को आपस में बांटने का काम किया जा रहा है। लेकिन इसी बीच कुछ ऐसी खबरें भी सामने आती है जो दोनों धर्मों के लोगों के बीच सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल देती है। ऐसे ही एक खबर सामने आई है उत्तर प्रदेश के जिले बागपत से। खबर के मुताबिक बागपत के एक छोटे से गांव में पूरे गांव वालों ने मिलकर मुस्लिम लड़की का निकाह करवाया है। बागपत के अब्दुल पुर गांव में कई साल पहले बाबू नाम का एक आदमी रहा करता था लेकिन बीते कुछ सालों से वह लापता है और उसके घर की आर्थिक हालत काफी खराब है। बाबू की बेटी गुलसफा की शादी होनी थी। लेकिन घर पर तो इतने पैसे नहीं थे की वह मेहमानों की आव भगत कर सकें। जिसके चलते गांव के लोगों ने गुलसफा की शादी की ज़िम्मेदारी उठाई।
गाज़ियाबाद के लोनी कस्बे में रहने वाले अयूब के साथ गुलसफा की शादी हुई है। गांव वालों ने बड़ी धूमधाम से ये शादी करवाई। आपको बता दें कि गांव की अधिकतर जनसंख्या हिन्दू है। लेकिन लोगों ने इस शुभ काम में धर्म को आड़े नहीं आने दिया। लोगों ने धर्म भूलकर एक मुस्लिम लड़की की शादी में पूरा सहयोग किया। अब्दुलपुर के ही गंगेश्वर और उनकी पत्नी कांता ने गुलसफा का कन्यादान किया. गांव प्रधान ने बारात का स्वागत किया। सभी गांव वालों ने बढ़-चढ़कर शादी की तैयारियों में हाथ बंटाया। गांव के लोगों का कहना है कि गुलसफा उनके गांव की बेटी है , आगे कोई भी बच्ची की शादी होगी तो वो इस ही तरह सहयोग करेंगे।
गाँव वालों द्वारा की गई इस मदद से गुलसफा का परिवार काफी खुश है। गुलसफा के भाई मोहम्मद शाकिर ने कहा है कि हिन्दू भाइयों ने हमारी बहन के निकाह में मदद की है। शादी बहुत अच्छे से हुई। गुलसफा का कन्यादान करने वाले परिवार का कहना है कि हम हिन्दू-मुस्लिम का भेदभाव नहीं मानते। हम सब एक हैं। आगे भी कोई लड़की की शादी होगी तो सब मिलकर करेंगे।