देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कल पदम श्री पुरस्कारों की घोषणा कर डाली है। बताया जा रहा है कि इस बार कुल 112 पदम श्री पुरस्कार दिए जा रहे हैं। जिनमें से 94 लोगों को पद्मश्री और 14 लोगों को पदम भूषण और 4 हस्तियों को पद्म विभूषण से नवाजा जाने वाला है। आपको बता दें कि यह पुरस्कार कला, सोशल सर्विस, साइंस, इंजीनियरिंग, साहित्य, मेडिकल, ट्रेड एंड इंडस्ट्री और शिक्षा के साथ-साथ खेल समेत विशेष उल्लेखनीय काम करने वालों को दिए जा रहे हैं। यह खबर देश के मुस्लिम समुदाय के लिए भी कुछ खास है।
दरअसल पदम पुरस्कार पाने वालों में से एक शख्स ऐसा भी शामिल है। जो पहले बूचड़खाने चलाया करता था। लेकिन बाद में गौ सेवक बन गया महाराष्ट्र के बीड़ जिले के शिरूर कासार तालुका निवासी शब्बीर सैयद को सामाजिक कार्य और पशु कल्याण के लिए पदम श्री पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।

आपको बता दें कि शब्बीर सैयद पिछले 50 साल से गाय की सेवा कर रहे हैं। शब्बीर महाराष्ट्र के 1 गांव के ऐसे इलाके में रहते हैं। जहां पर कई बार पानी की काफी किल्लत हो जाती है। लेकिन शब्बीर ने इन तमाम दिक्कतों को दूर करते हुए गायों की सेवा पूरी शिद्दत से की है।

सबसे दिलचस्प बात यह है कि वो काटने के लिए न तो गाय को बेचते हैं और न ही दूध। वो गाय के गोबर को बेचकर पूरा खर्च निकाल लेते हैं। आपको ये जानकार हैरानी होगी कि शब्बीर गाय के गोबर बेचकर वो हर साल 70 हजार रुपये तक कमा लेते हैं।
इसके अलावा अगर वो बैल बेचते हैं, तो सिर्फ किसानों को। इतना ही नहीं, शब्बीर सैय्यद इसके लिए बाकायदा कागज में उस किसान से लिखवा लेते हैं कि वह कभी कसाई को नहीं बेचेंगे। इसके लिए वो काफी डिस्काउंट भी देते हैं. शब्बीर सैय्यद का कहना है कि अगर कोई गाय या उसका बच्चे की मौत हो जाती है, तो उनको बहुत पीड़ा होती है। उनका लगता है कि उनके परिवार का एक सदस्य इस दुनिया से चला गया है।