जम्मू-कश्मीर में आ!तंकवाद का रास्ता छोड़ सेना में शामिल होने वाले शहीद लांस नायक नजीर अहमद वानी को इस साल के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार अशोक चक्र के लिए चुना गया है। नजीर वानी घाटी में 6 आ!तंकवादियों को मार गिराए जाने वाले ऑपेशन में शामिल थे और ऑपरेशन के दौरान वे शहीद हो गए थे।
एक समय पर नजीर वानी आतंकवाद के रास्ते पर चल पड़े थे, लेकिन बाद में उन्होंने आतंक का रास्ता छोड़ा और टेरोटोरियल ऑर्मी को ज्वाइन किया। आतंकवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे 34 राष्ट्रीय राइफ्ल्स के ऑपरेशन में नजीर वानी शामिल थे और ऑपरेशन के दौरान वे शहीद हुए थे, नजीर वानी ने जम्मू-कश्मीर लाइट इनफेंट्री को ज्वाइन किया हुआ था।

इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम, शहीद नजीर वानी को इससे पहले भी आतंकवादियों के खिलाफ अपनी वीरता के लिए 2 बार सेना मेडल से नवाजा जा चुका था, वे जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के चक्की अश्मुजी गांव के निवासी थे, अपने पीछे वे एक पत्नी और 2 पुत्र छोड़ गए हैं।नजीर वानी के अलावा सेना 4 अन्य अधिकारियों और सैनिकों को कीर्ती चक्र तथा 12 अन्य अधिकारियों और सैनिकों को शौर्य चक्र के लिए चुना गया है।

आपको बता दें कि पिछले साल नवंबर में शोपियां में कुछ आतंकियों के छुपे होने की खबर पर सुरक्षाबलों की टीम उन्हें मौ!त के घाट उतारने पहुंची थी. इस दौरान 6 आ!तंकवादियों ने एक घर में शरण ली थी, जिसे जवानों ने चारों तरफ से घेर लिया था. आतंकियों पर प्र!हार करते हुए नजीर वानी ने एक दह!शतगर्द को मार गिराया था. जबकि जवाबी फा!यरिंग में वह खुद भी घा!यल हो गए थे।
आ!तंकियों की गो!ली से जख्मी होने के बावजूद नजीर वानी ने उस घर में छुपे आ!तंकियों को भागने नहीं दिया। लांस नायक नजीर आ!तंकियों के भाग निकलने के रास्ते पर डटे रहे और उन्होंने एक और आ!तंकी को मौ!त के घाट उतार दिया। गौरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर से हर साल वीर सैनिकों को सम्मानित किया जाता है। इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर शहीद वानी के अलावा चार अफसरों और एक सैनिक को कीर्ति चक्र, वहीं 12 सैनिकों को शौर्य चक्र से नवाजा जाएगा।