कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन सरकार को अभी एक साल भी पूरा नहीं हुआ है, लेकिन उससे पहले ही सरकार पर काले बादल मंडराने लगे हैं। गठबंधन सरकार से दो निर्दलीय विधायकों द्वारा समर्थन वापस लिए जाने के बाद से ही बीजेपी राज्य में सरकार बनाने की पुरज़ोर कोशिश में जुट गई है। बीजेपी पर सरकार बनाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख़्त के आरोप भी लग रहे हैं।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर सरकार को अस्थिर करने के लिए विधायकों को पैसे ऑफ़र करने के आरोप लगाए हैं।
शुक्रवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद सिद्धारमैया ने कहा, नरेंद्र मोदी, अमित शाह और कई केंद्रीय मंत्री कर्नाटक सरकार को अस्थिर करने की प्रक्रिया में शामिल हैं। उन्होंने हमारे विधायकों से संपर्क किया और उन्हें 50-70 करोड़ रुपए ऑफर किए।

सिद्धारमैया ने यह दावा भी किया है कि उनके पास इसके सबूत हैं, जिससे वह यह साबित कर सकते हैं कि विधायकों को पैसे ऑफ़र किए गए हैं। उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुएओ पूछा कि चौकीदार के पास इतना पैसा कहां से आया?
बता दें कि शुक्रवार को कर्नाटक में सियासी संकट को लेकर सिद्धारमैया ने कांग्रेस विधायक दल की एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक में कांग्रेस के 79 में से 76 विधायक मौजूद थे। जिसपर सिद्धारमैया ने कहा कि, “मैं गैरमौजूद रहे विधायकों को नोटिस भेजकर उनसे कारण पूछूंगा। उसके बाद मैं हाईकमान से बात करूंगा”।

इससे पहले मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने बीजेपी पर अपने विधायकों को गुरूग्राम के एक होटल में ‘बंधक बना कर रखने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि बीजेपी कर्नाटक सरकार अस्थिर करने की नाकाम कोशिश कर रही है।
कुमास्वामी के इन आरोपों की जेडीएस विधायक केएम शिवलिंग गौड़ा ने पुष्टी भी की है। उन्होंने कहा, ‘जेडीएस के एक विधायक को पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता जगदीश शेट्टार द्वारा 60 करोड़ रुपए और मंत्री पद की पेशकश की गई है। उन्होंने प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और एचडी कुमारस्वामी को सूचित किया।