बीते दिनों केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार द्वारा लोकसभा में तीन तलाक बिल पेश किया गया था जिसे लोकसभा सदन में पारित कर दिया गया है इस मामले में जहां केंद्र सरकार का कहना है कि वह मुस्लिम महिलाओं की पक्षधर बनकर उनकी आजादी के लिए लड़ हैं। वहीँ मुस्लिम धर्मगुरुओं और मुस्लिम संगठनों ने इसे शरीयत में दखलंदाजी करार दिया है।
इस मामले में हिंदू धर्म गुरु आचार्य प्रमोद कृष्णन ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि तीन तलाक बिल के बहाने मोदी सरकार शरीयत को बदलना चाहती है और पूरा विपक्ष शिखंडी ओं की तरह ताली बजा रहा है गौरतलब है कि उस वक़्त किसी अन्य नेता के अलावा आचार्य प्रमोद ही थे जिन्होंने कांग्रेस के मुस्लिम राज्य सभा सांसदों से इस बिल के खिलाफ राज्यसभा में आवाज उठानी की अपील की थी।

गौरतलब है कि हिंदू धर्म गुरु आचार्य प्रमोद कृष्णन ने कहा है कि कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और अहमद पटेल जैसे मुस्लिम नेताओं को लोकसभा सदन में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन तलाक बिल का विरोध करना चाहिए था।
साथ ही कांग्रेस पार्टी को यह सवाल भी उठाना चाहिए था कि यह मुस्लिम महिलाओं के पक्ष में कैसे हैं और तीन तलाक वाले मामले में देश के सामने अपनी स्पष्ट राय देनी चाहिए थी कि वह इस मामले में मुसलमानों के साथ है या नहीं।

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते साल तीन तलाक मामले में अपना फैसला सुनाया था जिसके तहत तीन बार तलाक तलाक तलाक कहने पर पत्नियों को छोड़ देने वाले पतियों को 3 साल की जेल का प्रावधान रखा गया था इसके अलावा पति को अपनी पत्नी को गुजारा भत्ता भी देना होगा और तीन तलाक को अवैध करार दिया गया था।
गौरतलब है कि तीन तलाक बिल भारतीय जनता पार्टी की राजनीति का एक हिस्सा है। बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में मुस्लिम समुदाय के लोगों पर दांव लगाया है, लेकिन ये दांव उनपर उल्टा ही पड़ने वाला है।