बॉलीवुड के जाने-माने कलाकार एक बार फिर ऐसा बयान दिया है जिससे देशभर में विवाद खड़ा हो सकता है। गौरतलब है कि एमनेस्टी इंडिया ने गैर सरकारी संस्थाओं के खिलाफ सरकार की कथित कार्रवाई के विरोध में एक वीडियो जारी की है।
जिसमें बॉलीवुड अभिनेता नसीरुद्दीन में यह दावा किया है कि भारत में धर्म के आधार पर लोगों के बीच नफरत की दीवार खड़ी की जा रही है और इस अन्याय के खिलाफ जो भी शख्स आवाज उठाता है।
उसे कड़ी सजा दी जाती है गौरतलब है कि केंद्र में जब से मोदी सरकार बनी है। तब से ही भारत में धर्म विशेष के लोगों को टारगेट किया जाता रहा है बीते 2 सालों में देश में मॉब लिंचिंग की घटनाएं उच्च स्तर से बढ़ चुकी है।
आपको बता दें कि मानवाधिकारों पर नजर रखने वाली संस्था एमनेस्टी द्वारा जारी किए गए 2 मिनट के एकजुटता वीडियो में नसरुद्दीन शाह ने कहा है कि जिन लोगों ने मानवाधिकारों की मांग करने की कोशिश की है। उन्हें जेलों में डाल दिया गया है।

आज मोदी सरकार के राज में मीडिया सिर्फ चापलूस बन कर रह गई है और जो ईमानदार और निष्पक्ष पत्रकार हैं उन्हें चुप कराया जा रहा है। जो कलाकार अभिनेता या फिर कभी इसके खिलाफ आवाज उठाते हैं। उन्हें दबाया जाता है। नसरुद्दीन शाह ने कहा है कि भारत में निर्दोष लोगों की हत्या की जा रही है यह देश ध्यान रखना पड़ता और क्रूरता से भर चुका है।

आपको बता दें की एमनेस्टी ने ‘अबकी बार मानवाधिकार’ हैशटैग के तहत दावा किया कि भारत में अभिव्यक्ति की आजादी और मानवाधिकारों की पैरवी करने वालों पर बड़ी कार्रवाई की गई।
उन्होंने उर्दू में एक वीडियो में कहा, ‘हमारा देश कहां जा रहा है? क्या हमने ऐसे देश का सपना देखा था जहां असंतोष की कोई जगह नहीं है, जहां केवल अमीर और शक्तिशाली लोगों को सुना जाता है और जहां गरीबों तथा सबसे कमजोर लोगों को दबाया जाता है?