एएसआई द्वारा ताजमहल में रोज़ की नमाज अदा करने पर पाबंदी लगाए जाने के बाद अब स्थानीय मुस्लिम समाज ने आदेश के खिलाफ़ ताज में प्रतिदिन पांचों वक्त की नमाज़ अदा करने का ऐलान कर दिया है। साथ ही इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार को भी भेजने का फैसला किया है। ताजमहल में रोज़ की नमाज़ अदा किए जाने का ऐलान मुस्लिम समाज की ओर से कांग्रेस के शहर कार्यवाहक अध्यक्ष हाजी जमीलउद्दीन ने किया। शुक्रवार को ताज में नमाज़ अदा करने के बाद इस ऐलान के साथ ही उन्होंने कहा कि ताज में 450 साल से पांचों वक्त की नमाज़ होती रही है।
उसके बाद एएसआई ने इस तरह से प्रतिबंध क्यों लगा दिया। पांचों वक्त की नमाज़ के संबंध में निर्णय लिया गया कि इस प्रस्ताव से केंद्र सरकार को भी अवगत करा दिया जाएगा। बता दें कि एएसआई ने कुछ दिनों पहले सुरक्षा व्यवस्था का हवाला देते हुए ताजमहल में रोज़ की नमाज़ अदा करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। तभी से एएसआई के इस आदेश का विरोध हो रहा है। नमाज़ियों का कहना है कि यहां नमाज़ हमेशा से होती आई है और कभी यहां सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोई समस्या नहीं हुई। ऐसे में एएसआई का नमाज़ पर प्रतिबंध लगाना समझ नहीं आता।
वहीं, एएसआई का इस मुद्दे पर कहना है कि नमाज़ पर प्रतिबंध सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लगाया गया है। हालांकि मस्जिद के इमाम और स्थानीय लोगों का कहना है कि कोर्ट ने जुमे की नमाज़ में बाहरी लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगाई थी न कि रोज़ की नमाज़ पर। उधर हिंदुत्ववादी संगठन ताज में नमाज़ अदा किए जाने का विरोध कर रहे हैं। राष्ट्रीय बजरंग दल ने ताज में नमाज़ अदा करने वाले लोगों की गिरफ्तारी की मांग की है। दल के विभाग अध्यक्ष गोविंद पाराशर ने कहा कि शनिवार को कार्यकर्ता अधीक्षण पुरातत्वविद को ज्ञापन देंगे। जिसमें ताज में नमाज़ अदा करने वाले लोगों की गिरफ्तारी की मांग की जाएगी। यदि एक हफ्ते के अंदर गिरफ्तारी नहीं हुई तो दल ताजमहल में आरती करेगा।