पिछले 22 वर्षों से भारत से हजारों मील दूर साहित्यिक संध्या की नींव 2003 में रखी गई थी. जश्न-ए-हिंदोस्तान के संस्थापक और मुख्य आयोजक सैयद सलाहुद्दीन ने कहा कि मुशायरा कवि सम्मेलन का एक अलग इतिहास है. भारत के लोकतंत्र के इस जश्न की परंपरा को वो हमेशा जीवित रखना चाहते हैं।
उनके अनुसार इस वर्ष का भारत महोत्सव का आलमी मुशायरा कवि सम्मिलन 27 जनवरी 2024 को रात्रि 8 बजे दुबई के शेख राशिद ऑडिटोरियम में अपनी पुरानी परंपराओं के साथ आयोजित किया जा रहा है।

श्री सलाहुद्दीन ने कहा कि हम कवि सम्मलेन मुशायरा नहीं करते बल्कि हम अपने देश भारत के संविधान और लाल किले की साहित्यिक परंपराओं का पूरा सम्मान करते हैं। यह दुनिया का एकमात्र राष्ट्रीय समारोह है जिसकी शुरुआत भारतीय राष्ट्रीय गीत से होती है।

इस वर्ष भारत के कवि सम्मेलन मुशायरे में जिन कवियों और शायरों को आमंत्रित किया गया है उनमें पूर्व सांसद उदय प्रताप सिंह, अंजुम रहबर, ताहिर फ़राज़, डॉ. कलीम क़ैसर, प्रो. नय्यर जलालपुरी, डॉ. माजिद देवबंदी, अलताफ ज़िया,राधिका गुप्ता और दमदार बनारसी का नाम शामिल है. अध्यक्षता श्री उदय प्रताप सिंह करेंगे तथा निज़ामत प्रो. नय्यर जलालपुरी करेंगे।
भारत के लोकतंत्र का जश्न कवि सम्मेलन मुशायरा भाषाओं और भारतीय परंपरा के कविता और साहित्य के आदान-प्रदान में एक अनुकरणीय भूमिका निभाता है। सैयद सलाउद्दीन ने कहा कि इस मुशायरा कवि सम्मलेन में 175 पेज की एक पत्रिका भी प्रकाशित की जा रही है, जिसमें शायरों के कलाम के अलावा कई ज्ञानवर्धक लेख लिखे गए हैं जो अपने आप में एक मिसाल हैं.

भारतीय लोकतंत्र का जश्न मनाने के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में दुनिया भर से जाने-माने लोग हिस्सा लेते हैं. इस अंतरराष्ट्रीय महोत्सव को दुनिया के विभिन्न अखबारों और पत्रिकाओं, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में अपने-अपने तरीके से कवर किया जाता है।
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