ओपी राजभर के नेतृत्व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में फिर से शामिल हो गयी। समाजवादी पार्टी के सहयोगी रहे ओम प्रकाश राजभर ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के राजग में फिर से विलय हो गया। राजग में शामिल होने के बाद श्री राजभर ने कहा कि देश में सामाजिक न्याय, सुरक्षा, सुशासन, वंचितों, शोषितों, पिछड़ों, दलितों, महिलाओं की रक्षा के लिए भाजपा और एसबीएसपी मिलकर काम करेगी।
एसबीएसपी नेता ने ट्वीट किया, दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह जी से मुलाकात की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाले राजग गठबंधन में शामिल होने का निर्णय लिया। मैं शाह, श्री मोदी और श्री जे. पी. जे. पी. नड्डा के प्रति कृतज्ञता व्यक्त् करता हूं। राजभर ने पिछले साल उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के सहयोगी के तौर पर भाजपा के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ा था।
उल्लेखनीय है कि जिस प्रकार ओमप्रकाश राजभर लगातार अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे, उससे एक बात साफ हो गई थी कि राजभर अखिलेश यादव खिलाफ ही चुनाव लड़ेंगे। विपक्षी एकता बैठक के दौरान लगातार ओम प्रकाश राजभर खुद को और बसपा सुप्रीमो मायावती को शामिल करने की बात करते रहे, उन्होंने कहा था कि अगर आपको यूपी जीतना है तो मायावती ओमप्रकाश राजभर और जयंत चौधरी को साथ लेकर चलना पड़ेगा।
बता दें कि ओमप्रकाश राजभर का उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अच्छा प्रभाव है, उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के गाजीपुर, मऊ, घोसी और बलिया यूपी लोकसभा क्षेत्रों में ओमप्रकाश राजभर की पार्टी में आए भूमिका निभाती आई है। पूर्वांचल के कई जिलों में राजभर समाज का दो लाख से ज्यादा वोट है, यही कारण है कि लगातार भारतीय जनता पार्टी ओमप्रकाश राजभर को अपने पाले में लाने से कोशिश कर रही थी। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान सुभासपा पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई सीटों पर अच्छा वोट प्राप्त किया था