कर्नाटक में सत्ता परिवर्तन के बाद बड़ा फेरबदल देखने को मिला है, जहां नई सरकार के गठन के कुछ दिनों बाद ही सिद्धारमैया सरकार ने पहली बार प्रशासनिक अफसरों के तबादले का आदेश जारी कर दिया है। गौरतलब है कि जारी आदेश में सिद्धारमैया सरकार द्वारा कई अफसरों के प्रभार में बड़ा फेरबदल किया है।
सरकार बनाने के बाद भी सीएम सिद्धारमैया का पहला प्रशासनिक आदेश है, प्रदेश सरकार द्वारा ट्रांसफर हुए 10 IAS अफसरों में निगम कमिश्नर से लेकर सचिव स्तर के अधिकारियों का नाम भी शामिल है।
कांग्रेस पार्टी कर्नाटक में धमाकेदार जीत दर्ज करने के बाद से लगातार CM सिद्धारमैया और डिप्टी CM डीके शिवकुमार के नेतृत्व एक के बाद एक बड़े फैसले लिया जा रहा है। सरकार प्रथम कैबिनेट मीटिंग में चुनावी वादे को पूरे करने हेतु नए आदेश जारी किये गए।
इसके बाद सरकार एक बड़ा फैसला लेते हुए कर्नाटक कैबिनेट ने धर्मांतरण रोधी कानून को रद्द करने का फैसला किया है। इस कानून को राज्य की पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ने लागू किया था। इस कानून को रद्द करने के लिए सरकार विधानसभा के आगामी सत्र में प्रस्ताव लेकर आएगी। इसके साथ ही कैबिनेट ने सर्वसम्मति से स्कूली पाठ्यक्रम से आरएसएस के संस्थापक हेडगेवार से संबंधित चैप्टर भी हटाने का फैसला किया है।
कर्नाटक के शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने कहा था कि राज्य में स्कूली पाठ्य पुस्तकों से आरएसएस संस्थापक केबी हेडगेवार और अन्य के चैप्टर को हटाने का फैसला किया है। इसके तहत आरएसएस के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार और हिंदुत्व विचारक वीडी सावरकर पर केंद्रित अध्यायों को हटाने का फैसला किया।