हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा के नेता संतोष सुमन मांझी मंत्रिमंडल पद से इस्तीफा दे दिया है। संतोष मांझी जीतन राम मांझी के बेटे हैं। एक दिन पहले ही जीतन मांझी ने 23 जून को होने वाली विपक्षी एकता की बैठक में शामिल होने से मना कर दिया था।
भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार के विपक्षी एकता बैठक को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि संतोष मांझी का इस्तीफा दर्शाता है कि महागठबंधन टूट के कगार पर है। लोगों को मालूम है कि अब नीतीश कुमार और उनकी पार्टी का कोई भविष्य नहीं है। मांझी का समझौता जदयू के साथ था न की राजद के साथ, इसलिए वे साथ छोड़कर चले गए।
वहीं केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार सभी विपक्षी दलों को एक करने में लगे हैं लेकिन अपने घर को संभाल नहीं पा रहे हैं। उनका ही कुनबा बिखर रहा है, मंत्री इस्तीफा दे रहे हैं और वे कह रहे हैं कि सभी विपक्षी दलों को एकजुट करेंगे। महागठबंधन बहुत जल्द टूट जाएगा।
जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि पूरे देश की पार्टियां एक हो रही हैं, 17 पार्टियां यहां आ रही हैं। पूरे देश में विपक्ष एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ लड़ेगी।
जीतन राम मांझी के बेटे के इस्तीफे पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि लगातार जीतन राम मांझी और संतोष मांझी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे बढ़ाने का काम किया…चिट्ठी में साफ लिखा है कि निजी कारणों के चलते वे(संतोष मांझी) साथ नहीं चल सकते। चिट्ठी से स्पष्ट है कि वे महागठबंधन का अंग नहीं रहना चाहते।
संतोष सुमन का इस्तीफा ऐसे वक्त पर हुआ, जब नीतीश कुमार बीजेपी के खिलाफ पूरे देश की विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की कोशिश में जुटे हैं। उन्होंने 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बड़ी बैठक बुलाई है। इस विपक्षी एकजुटता बैठक में राहुल गांधी से लेकर मलिकार्जुन खरगे और अखिलेश यादव, केजरीवाल, ममता बनर्जी, स्टालिन समेत अन्य दलों के नेता शामिल होंगे।