विपक्षी एकता पर भाजपा विरोधी दलों की बैठक अब 23 जून को बिहार की राजधानी पटना में होगी। इसमें शामिल होने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकाअर्जुन खरगे और राहुल गांधी सहित सभी विपक्षी दलों के प्रमुख ने सहमति दे दी है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने 5, देशरत्न मार्ग स्थित सरकारी आवास में यह जानकारी दी।
इसका आयोजन पहले 12 जून को होना था, लेकिन कई नेता इस दिन बाहर होने के कारण बैठक में शामिल नहीं हो सकते थे, जिसके बाद इसे स्थगित कर दिया गया था। नीतीश कुमार सितंबर 2022 से दलों को जोड़ने के लिए यात्राएं कर रहे हैं। वह मई में ही दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करके लौटे थे। इस तरह यह पहला मौका होने वाला है, जब नीतीश कुमार अपनी राजनीतिक ताकत और विपक्षी दलों के साथ होने से बनने वाली स्थिति का शक्ति प्रदर्शन करेंगे।
इधर, राजद के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपा को रोकने के लिए विपक्षी दलों को एकसाथ लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज देश की जो स्थिति है उसमे लोकतंत्र पर प्रहार किया जा रहा है तथा संविधान के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। ऐसे में भाजपा को हटाने के लिए हमसब एक साथ बैठ कर आगे की रणनीति बनाएंगे।
इस कार्यक्रम में आने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सहमति दी है। इसके अलावा एमके स्टालिन, शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, दीपांकर भट्टाचार्य ने आने पर सहमति दी है। उन्होंने कहा कि तारीखों के अलावा उन नामों का भी ऐलान कर दिया गया जो पटना में होने वाली बैठक में शामिल होने वाले हैं।