कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य ठहराए जाने को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसी को लेकर लाल किले से पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक स्थित टाउन हॉल तक मशाल जुलूस निकाला गया।
इस विरोध के दौरान कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ता हाथ में झंडा और पोस्टर लेकर निकले और मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। बढ़ते विरोध के दौरान पुलिस ने कई नेताओं को हिरासत में भी लिया। हालांकि बाद में कुछ को रिहा भी कर दिया गया।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा आपको देश में लोकतंत्र की दुर्दशा देखनी चाहिए। हम शांतिपूर्ण मशाल मार्च कर रहे हैं। कल हमने पुलिस और आयुक्तों के साथ इस पर चर्चा की और वे मान गए। आज उन्होंने हमारे कार्यकर्ताओं को हर जगह रोका।
कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है, ये तानाशाही का नजारा है। लोकतंत्र को बचाने के लिए लोग आवाज नहीं उठा सकते, शांति मार्च नहीं निकाल सकते। पुलिस भी इनकी है। राजघाट पर जाने के लिए इजाजत नहीं देते, संसद में बोलने की इजाजत नहीं देते हैं। आखिर विपक्ष कहां जाए।
बता दें कि 2019 से जुड़े मानहानि केस में सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी ठहराया था। साथ ही कोर्ट से राहुल गांधी को दो साल सजा भी हुई थी। हालांकि, कोर्ट ने कांग्रेस नेता को जमानत दे दी थी। सूरत कोर्ट से सजा मिलने के बाद राहुल गांधी की सांसद सदस्यता चली गई।