लोकसभा सांसद के तौर पर लोकसभा सचिवालय द्वारा अयोग्य घोषित किए गए राहुल गांधी को अब आज सरकारी बंगले के मामले में झटका लगा है। राहुल को अब एक महीने के अंदर अपना बंगला खाली करना होगा। राहुल को संसद की हाउसिंग कमेटी ने नियमों के तहत नोटिस भेज कर बंगला खाली करने का आदेश दिया है। राहुल को आवास समिति की तरफ से साल 2004 में सांसद बनने के बाद सरकारी बंगला आवंटित किया गया था।
राहुल गांधी को लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य ठहराए जाने के कुछ दिनों बाद 22 अप्रैल तक 12, तुगलक लेन में सरकार द्वारा आवंटित बंगला खाली करने के लिए कहा गया है। नियम के अनुसार, एक अयोग्य सांसद सरकारी आवास का हकदार नहीं होता है, और उसे आधिकारिक बंगला खाली करने के लिए 30 दिन की अवधि दी जाती है।
सांसदी जाने के बाद से ही राहुल गांधी को लेकर सियासत तेज है। विपक्षी नेताओं में भी खूब एकजुटता दिखाई दे रही है। बीते दिन यानी रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सांसदी जाने के बाद अपने ट्विटर बायो में भी बदलाव कर लिए। अब राहुल ने अपने बायो में ‘डिसक्वालीफाइड MP’ को खास मेंशन किया।
दूसरी ओर, कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहराये जाने के खिलाफ और अडाणी समूह से जुड़े मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग को लेकर सोमवार को प्रदर्शन किया। कांग्रेस और कुछ अन्य सहयोगी दलों के सांसदों ने राहुल गांधी के खिलाफ हुई कार्रवाई के विरोध में काले कपड़े पहन रखे थे।
दरअसल, सूरत की एक अदालत ने गुरुवार को ‘मोदी सरनेम’ से संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें दोषी ठहराया था और दो साल कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद शुक्रवार को राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।