बिहार समेत पूरे देश में रामचरितमानस पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। तेजस्वी सरकार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर लगातार किसी न किसी बहाने रामचरितमानस पर सवाल उठा रहे हैं। विधानसभा परिसर में शिक्षा मंत्री ने राम चरित्र मानस के दोहों को कचरा करार दिया। मंत्री इतने से ही नहीं रुके उन्होंने कहा कि अभी तो मैंने कुछ ही दोहों पर सवाल खड़े किए हैं दर्जनों ऐसे दोहा हैं जो कचरा हैं।
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि रामचरितमानस पर जो उन्होंने कहा है वही सत्य है। ज्ञान बांटने वालों को चुनौती देते हुए कहा कि बहस कर लें। रामचरितमानस में जो कचरा है उसको हटाया जाए। शिक्षा मंत्री ने कहा कि दो पंक्तियों पर ही उन्होंने अब तक सवाल उठाया था। अभी दर्जनों पंक्तियों पर सवाल उठाना बाकी है।
उन्होंने कहा कि विधानसभा में किसी की हिम्मत नहीं कि मेरे बयान पर सवाल खड़ा कर सके। मैं आज भी कह रहा हूं कि रामचरित मानस में शूद्रों का अपमान किया गया था। लोहिया और आंबेडकर की नजर से मैं पढ़ता हूं। आज का शूद्र पढ़ा-लिखा है। उसे बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता है।
कुमार विश्वास ने सवाल खड़ा करते हुए लिखा था कि मंत्री जी! चंद वोटों के ध्रुवीकरण व तुष्टिकरण के लिए बार-बार मेरे आराध्य राम, मेरे धर्मग्रंथ रामचरितमानस, मेरे पुरखे महाकवि तुलसीदास व मुझे गाली देकर ज़मीर बेचने से तो ज्ञान बेचकर घर पालना श्रेयस्कर है। आशा है बिहार में होने वाले मेरे “अपने अपने राम” सत्रों में आप पधारेंगें! सोशल मीडिया पर तमाम लोग इस पर अपनी प्रतिक्रियायें रहे हैं।
वहीं, जदयू विधायक संजीव सिंह ने भी शिक्षा मंत्री पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री को कुछ नहीं आता है। वे खाली डिब्बा खाली बोतल हैं। मेंटली डिसऑर्डर के शिकार हो चुके हैं। शिक्षा पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं।