महाराष्ट्र में पार्टी के विधायक और नेताओं के साथ बैठक के बाद राज्य के पूर्व CM उद्धव ठाकरे ने कहा कि मेरा सब कुछ छिन गया है। हमारी पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह छिन गया है, लेकिन ठाकरे नाम नहीं छीन सकते। चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ हमने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, कल से सुनवाई शुरू होगी।
उद्धव ने कहा- चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ हमने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। महाराष्ट्र में जो कुछ चल रहा है अगर उसे नहीं रोका गया तो 2024 का लोकसभा चुनाव देश का आखिरी चुनाव हो सकता है। इसके बाद यहां तानाशाही चलेगी।
वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने ठाकरे के नेतृत्व वाले पीठ ने कहा, ‘नियम सभी पर समान रूप से लागू होता है, चाहे बाएं, दाएं या केंद्र। कल उचित प्रक्रिया के माध्यम से आएं।’ शिवसेना गुट की याचिका को जल्द सूचीबद्ध करने के लिए मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया। CJI ने हालांकि कोई भी आदेश पारित करने से इनकार कर दिया है।
चुनाव आयोग ने शिंदे गुट के हक में फैसला सुनाते हुए उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी की तरफ से की गई एक गलती को उजागर किया था। आयोग ने कहा कि 2018 में शिवसेना पार्टी के संविधान में बदलाव की सूचना चुनाव आयोग को नहीं दी गई थी।
गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे के हाथ से शिवसेना की कमान, उसका नाम और चुनाव चिह्न छीनने के बाद एकनाथ शिंदे भी शांत नहीं बैठे हैं। शिवसेना को लेकर चुनाव आयोग के फैसले को कायम रखने के लिए वह हर एक चाल चल रहे हैं, जो उनके लिए जरूरी है। एक दिन पहले ही शिंदे गुट की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कैविएट याचिका दायर की गई थी।