इलेक्शन कमीशन के फैसले के बाद शिवसेना पर एकनाथ शिंदे गुट का कब्जा हो गया है। उद्धव ठाकरे और उनकी टीम इस फैसले के बाद पूरी तरह से आगबबूला हो गई है। मातोश्री पर उद्धव ठाकरे आज अपने वर्कर्स से रूबरू हुए तो उनके तीखे तेवर साफ दिखाई दिए। उद्धव ने वर्कर्स से साफ लहजे में कहा कि एकनाथ शिंदे और उनके लोगों को कड़ा सबक सिखाया जाएगा।
उद्धव ने कहा कि वो पकड़े गए हैं। मैं चोर को धनुष-बाण के साथ मैदान में आने की चुनौती देता हूं। हम इसका मुकाबला मशाल से करेंगे। उद्धव के समर्थक मातोश्री के बाहर एकत्र हुए और शिंदे के विरोध में नारे लगाये। वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने उद्धव को सलाह दी है कि वह चुनाव आयोग का फैसला स्वीकार कर नई शुरुआत करें।
उद्धव ठाकरे गुट के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा, आदेश वही है जिस पर हमें संदेह था। हम कह रहे थे कि हमें चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं है। जब मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है और कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, तो चुनाव आयोग की यह जल्दबाजी दिखाती है कि यह केंद्र सरकार के तहत भाजपा एजेंट के रूप में काम करती है। हम इसकी निंदा करते हैं।
बता दें कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट को मशाल (ज्वलंत मशाल) का प्रतीक और नाम शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे मिला। अक्टूबर, 2022 में दोनों गुटों को अलग-अलग पार्टी के नाम और सिंबल आवंटित किए गए थे। नवंबर 2022 में हुए अंधेरी पूर्व उपचुनाव में शिवसेना पार्टी के नाम और धनुष और तीर के प्रतीक का उपयोग करने से दोनों गुटों को रोक दिया गया था।