उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण मामले में योगी सरकार को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इस मामले हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। इस फैसले से योगी सरकार को राहत मिली है। हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को निरस्त करते हुए सरकार को जल्द से जल्द चुनाव कराने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद से यह एक राजनीतिक मुद्दा बन गया था।
मालूम हो कि 5 दिसंबर को यूपी सरकार ने नगर निकाय चुनाव के लिए आरक्षण सूची जारी की थी। इस आरक्षण सूची के खिलाफ कई याचिकाकर्ताओं ने इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख किया था। उनका कहना था कि सरकार ने ओबीसी आरक्षण सूची जारी करने में ट्रिपल टेस्ट के फॉर्मूले का पालन नहीं किया था और न ही कोई ओबीसी कमीशन बनाया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि स्थानीय निकायों का प्रशासन बाधित न हो, उप्र सरकार कार्यकाल समाप्त होने के बाद अधिकारों को प्रत्यायोजित करने के लिए स्वतंत्र होगी। इसके साथ ही शीर्ष न्यायालय ने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश स्थानीय निकायों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद जिन प्रशासकों को उनकी शक्तियां सौंपी जाएंगी, वे बड़े नीतिगत फैसले नहीं लेंगे।
बता दें कि पिछले साल 27 दिसंबर को हाई कोर्ट से योगी सरकार को बड़ा झटका लगा था। तब कोर्ट ने राज्य सरकार की उस ओबीसी सूची को खारिज कर दिया था जिसके दम पर निकाय चुनाव करवाने की तैयारी थी। हाई कोर्ट ने साफ कहा था कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के नियमों का पालन नहीं किया और उसके बिना ही चुनाव की घोषणा की गई। तब कोर्ट ने सरकार को ये भी कहा था कि वो बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव करवा सकती है।