अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प की खबर सामने आने के बाद विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर है। विपक्ष सदन में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा है। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि साल 1962 में हुई चीन और भारत के बीच जंग के दौरान जवाहर लाल नेहरू ने सदन में चर्चा की थी और सदन को चलने दिया था।
थरूर ने कहा कि हम चाहते हैं कि चर्चा हो जाए। 1962 में चीन के साथ युद्ध चल रहा था और नेहरू जी ने युद्ध के बीच में संसद चलाई, सभी को सुनने के लिए तैयार थे। 100 से ज्यादा सांसदों ने बात की, लोकतंत्र में ऐसी चीजें होनी चाहिए।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद को बताया था कि चीन के सैनिकों ने 9 दिसंबर को तवांग सेक्टर में यांग्त्से क्षेत्र में यथास्थिति बदलने का एकतरफा प्रयास किया, जिसका भारत के जवानों ने दृढ़ता से जवाब दिया और उन्हें लौटने के लिए मजबूर किया।
उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना ने सोमवार को बताया था कि भारतीय और चीनी सैनिकों की तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट एक स्थान पर नौ दिसंबर को झड़प हुई, जिसमें ‘दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गए।’