दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद दिवाली पर जमकर आतिशबाज़ी हुई। देर रात तक पटाखों की आवाज सुनी गई। नतीजतन राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंच गई है। मंगलवार सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 323 दर्ज किया गया है। वहीं नोएडा में AQI 342 दर्ज हुआ है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, दिल्ली में रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 259 दर्ज किया गया था, जो दिवाली से एक दिन पहले सात साल में सबसे कम रहा। रविवार को भारत-पाकिस्तान के क्रिकेट मैच में भारतीय टीम के जीतने पर लोगों ने खुशी में जमकर पटाखे जलाए। विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में प्रतिबंध के बावजूद पटाखे जलाए जा रहे हैं।
इसके अलावा दिल्ली से सटे नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे शहरों में भी हवा बीते सालों के मुकाबले साफ नजर आ रही है। हालांकि बीते कुछ सप्ताह में यह सबसे ज्यादा एयर क्वॉलिटी इंडेक्स है। पलूशन कंट्रोल बोर्ड का कहना है कि अगले 6 दिनों तक खराब रह सकती है। फिर भी बीते सालों के मुकाबले राहत बनी रहेगी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस बार हवा साफ रहने की एक वजह सितरंग चक्रवात भी है। इसकी वजह से पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर के राज्यों में तेज हवा चल रही है।
दिल्ली में पटाखे फोड़ने पर पाबंदी की निगरानी के लिए 408 दल गठित किए गये थे। दिल्ली पुलिस ने सहायक पुलिस आयुक्तों के नेतृत्व में 210 दल गठित किए थे। वहीं, राजस्व विभाग ने 165 दल और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 33 दल गठित किए। पड़ोसी हरियाणा के दिल्ली से सटे गुरुग्राम और फरीदाबाद शहरों में भी लोगों ने पटाखे फोड़े।