सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच जैसे मामलों में हीलाहवाली करने पर पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने भड़काऊ भाषणों के मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि ये एक 21वीं सदी है। इस सदी में एक धर्मनिरपेक्ष देश के लिए हेट स्पीच जैसी घटनाएं चौंकाने वाली है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पुलिस भड़काऊ बयान जैसे मामलों में रिपोर्ट दर्ज होने का इंतजार न करें और तुरंत कार्रवाई करे।
सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच देने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जरूरत बताई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि धर्म की परवाह किए बिना कार्रवाई की जानी चाहिए। घृणा का माहौल देश पर हावी हो गया है। दिए जा रहे बयान विचलित करने वाले हैं। ऐसे बयानों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
याचिकाकर्ता के लिए पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने जस्टिस के एम जोसफ और ऋषिकेश रॉय की बेंच के सामने बीजेपी नेताओं के बयानों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि सांसद प्रवेश वर्मा ने मुसलमानों के आर्थिक बहिष्कार की बात कही। उसी कार्यक्रम में एक और नेता ने गला काटने जैसी बात कही। लगातार ऐसे कार्यक्रम हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने धर्म संसद मामले में जो आदेश दिए थे, उनका कोई असर नहीं हो रहा है।
दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड पुलिस को नोटिस
कोर्ट ने दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड पुलिस को नोटिस जारी करते हुए पूछा कि हेट स्पीच में शामिल लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। जिम्मेदार ऐसे बयान देने वालों पर फौरन सख्त कार्रवाई करें, नहीं तो अवमानना के लिए तैयार रहें। जस्टिस केएम जोसफ और ऋषिकेश रॉय की बेंच ने अपने आदेश में कहा कि कोर्ट की जिम्मेदारी है कि वह इस तरह के मामलो में हस्तक्षेप करे।