AIMIM मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने भारत में धार्मिक असंतुलन पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि मुसलमानों की आबादी बढ़ नहीं रही, बल्कि गिर रही है। दरअसल, विजयदशमी के मौके पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भाषण में जनसंख्या का मुद्दा उठाया था।
ओवैसी ने कहा कि देश में कुल प्रजनन दर घटकर 2% रह गई है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के 5वें रिकॉर्ड के अनुसार, मुसलमानों की कुल प्रजनन दर में सबसे अधिक गिरावट आई है। ओवैसी ने कहा साल 2020 में मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि परिवार नियोजन की मजबूरी नहीं हो सकती और न ही हम चाहते हैं, लेकिन मोहन भागवत का कहना है कि जनसंख्या बढ़ रही है।
साथ ही ओवैसी ने कहा, मुस्लिमों की जनसंख्या कम हो रही है। सबसे ज्यादा TFR मुस्लिमों में गिर रहा है। एक बच्चे से दूसरे बच्चे के पैदा होने के बीच गेप सबसे ज्यादा मुस्लिमों में है। सबसे ज्यादा कंडोम मुस्लिम कर रहे हैं। मोहन भागवत इस पर नहीं बोलेंगे, मोहन भागवत साहब कहां जनसंख्या बढ़ रही है, आप आकंड़ों के साथ बात कीजिए। आंकड़ों के साथ बात नहीं करेंगे।
दशहरे के मौके पर भागवत नागपुर स्थित संघ मुख्यालय पर मौजूद थे। यहां उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण और महिला सशक्तिकरण जैसे कई मुद्दों पर बयान दिया। उन्होंने कहा था- जनसंख्या नियंत्रण और धर्म आधारित जनसंख्या संतुलन ऐसे अहम मुद्दे हैं, जिन्हें लंबे समय तक नजंरदाज नहीं किया जा सकता है। एक संपूर्ण जनसंख्या पॉलिसी लाई जानी चाहिए और ये सभी पर बराबरी से लागू हो। धर्म आधारित असंतुलन और जबरदस्ती धर्मपरिवर्तन देश को तोड़ देते हैं।