केंद्रीय मंत्री व महाराष्ट्र भाजपा के बड़े नेता नारायण राणे के मुंबई स्थित बंगले पर हुए अवैध निर्माण को ढहाने के निर्देश दिए गए हैं। मंगलवार को बॉम्बे उच्च न्यायालय ने बृहन्मुंबई महानगर पालिका को अवैध निर्माण को दो सप्ताह के भीतर गिराने का निर्देश दिया है। राणे का यह बंगला मुंबई के जूहू में है। साथ ही राणे परिवार पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
नोटिस में कहा गया था कि बंगले के बेसमेंट से लेकर पूरे बंगले में बदलाव किया गया है। RTI एक्टिविस्ट संतोष दौंदकर ने 2017 के बाद से बंगले को लेकर कई शिकायतें दर्ज कराई थीं। बीएमसी ने इसे लेकर 25 फरवरी और 4 मार्च को दो नोटिस जारी किए थे। हालांकि, पहले नोटिस में अवैध निर्माण का जिक्र नहीं था। 4 मार्च को भेजे गए नोटिस में अवैध निर्माण का जिक्र था।
बता दें कि बंगले की ऊंचाई 11 मीटर से ज्यादा नहीं होगी चाहिए थी। लेकिन इसे 32 मीटर ऊंचा बना दिया गया, जिसके बाद मंगलवार को हाई कोर्ट ने 2 सफ्ताह के अंदर अवैध निर्माण को तोड़ने का आदेश दिया है। नारायण राणे को बीएमसी के के-वेस्ट वॉर्ड के अफसर ने नोटिस भेजा था। इसे मुंबई नगर निगम अधिनियम की धारा 351 के तहत BMC की ओर से बनाए गए प्लान के उल्लंघन के लिए जारी किया गया था।
राणे के वकील शार्दुल सिंह ने अदालत से छह सप्ताह के लिए अपने आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया, ताकि वह उच्चतम न्यायालय में अपील दाखिल कर पाएं। हालांकि, अदालत ने उनका अनुरोध खारिज कर दिया।