नई दिल्ली: साल 2015 दिल्ली से सटे दादरी के गाँव बिसाहड़ा में अख़लाक़ अहमद की गोमांस की अफवाह फैलाकर उसके घर मे घुस कर भीड़ ने पीट पीटकर हत्या कर दी थी,हालांकि बाद वेटनरी जांच में सामने आया कि अख़लाक़ के फ्रीज़ में गोमांस नही बल्कि बकरे का मांस था, इस घटना की गूंज देश मे ही नही बल्कि विदेशों तक मे गूंजी थी,

आपको बता दे इस मामले में यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव और आज़म खान ने अख़लाक़ के परिवार को लखनऊ बुलाकर मुआवजा दिया व परिवार के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस भी हुई थी, जिसके बाद इस मामले को कैबिनेट मंत्री आज़म खान यूएनओ लेकर जा रहे थे जिससे सरकार सकते में आई और किसी तरह से आज़म खान को रोका गया, लेकिन मामला यूँही नही थमा उसके बाद अवार्ड्स प्राप्त शख्शियतों ने अवार्ड्स वापिस करने शुरू कर दिए थे।

अब खबर आयी है कि मोहम्मद अखलाक की हत्या का आरोपी रुपेंद्र राना आगामी लोकसभा चुनावों में नोएडा से चुनाव लड़ सकता है। रुपेंद्र राना को उत्तर प्रदेश नव-निर्माण सेना ने अपने संगठन से हत्यारे को चुनाव लड़ाने का एलान किया है.इससे पहले नव निर्माण सेना अध्यक्ष राजस्थान के राजसमंद में मज़दूर अफ़राज़ूल को धारदार हथियार से काटकर शव को आग लगाकर हत्या करने वाले शंभूलाल रेगर को यूपी की आगरा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाने का ऐलान कर चुके हैं।

टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत के दौरान उत्तर प्रदेश नव-निर्माण सेना के अध्यक्ष अमित जानी ने बताया कि गायों की रक्षा के लिए राना बिल्कुल सही व्यक्ति है क्योंकि उसने गौमाता के सम्मान के लिए 2 साल 5 माह जेल में बिताए हैं। गायों के लिए कुछ करने के झूठे वादे करने के बजाए रुपेंद्र राना ने साल 2015 में ही गौमाता के लिए अपने समर्पण का सबूत दे दिया है। अमित जानी ने बताया कि रुपेंद्र राना को पार्टी की तरफ से लोकसभा प्रत्याशी बनाए जाने की औपचारिक घोषणा बिसहाड़ा गांव में ही की जाएगी। अमित जानी ने बताया कि आगरा,मथुरा और नोएडा के उम्मीदवारों के समर्थन में एक ज्वाइंट रैली आगामी 14 अक्टूबर को मथुरा के मांट इलाके में आयोजित की जाएगी.

बता दें कि 28 सितंबर, 2015 की रात में दादरी के गांव बिसाहड़ा में लोगों की एक भीड़ ने गौहत्या और बीफ को अपने घर में रखने के आरोप में मोहम्मद अखलाक के घर हमला बोल दिया था। इस हमले में अखलाक की मौत हो गई थी, वहीं अखलाक का बेटा दानिश गंभीर रुप से घायल हो गया था.
आपको बता दें अख़लाक़ का आपका यह बेटा भारतीय सेना का जवान है उस वक्त सरकार से यह भी सवाल किए गए थे तथा आलोचना की गई थी कि जब हिंदुस्तान में एक सेना के जवान का परिवार सुरक्षित नहीं है तो फिर आम जनता का क्या हाल होगा आम जनता अपने आप को कैसे सुरक्षित महसूस करें यह मुख्य सवाल बनकर उभरा था

इस मामले में पुलिस ने 18 स्थानीय युवाओं को आरोपी बनाया था, जिसमें से 3 नाबालिग थे.आरोपियों पर हत्या और उत्पीड़न के आरोप लगाए गए थे.इन्हीं आरोपियों में से एक आरोपी रुपेंद्र राना को 2.5 साल जेल में रहने के बाद जमानत पर रिहा किया गया था।जिसको अब नेता बनाने की तैयारी जोरों पर है.