नई दिल्ली:गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज के बर्खास्त डॉक्टर कफ़ील को आज बहराइच पुलिस ने डिटेन कर लिया है.उन पर इल्ज़ाम है कि वह बहराइच हॉस्पिटल में एडमिट बच्चों का ज़बरन इलाज़ कर रहे थे हालांकि डॉक्टर कफ़ील और उनके समर्थकों का कहना है कि कफ़ील बच्चों के परिवारजनों से बच्चों की सेहत का हाल जान रहे थे.आपको बता दें कि यह वही अस्पताल है जो 45 दिनों के अंदर रहस्यमयी बुखार के चलते 70 से ज्यादा बच्चों की मौत के लिए सुर्खियों में आ गया था.

डॉक्टर कफ़ील पर बच्चों की हत्या का इल्जाम भी लग चुका है हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कफ़ील के ख़िलाफ़ कोई सबूत ना होने पर कफ़ील को अप्रैल के माह में जमानत दे दी थी, जेल से आने के बाद कफ़ील ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार को लताड़ा व सभाओं में जा जाकर सरकार का विरोध व ख़ूब आआलोचना की जिसकी वजह से सरकार की इज़्ज़त पर फ़र्क़ पड़ रहा था, उसके बाद कफ़ील के छोटे भाई के सीने में तीन गोलियां उतार दी गई, जिस पर कफ़ील ने गोरखपुर के सांसद पर गोलियां चलवाने का आरोप लगाया था।

डॉ. कफील खान और उनके समर्थकों ने कहा कि वह अस्पताल में भर्ती बच्चों के अभिभावकों से बातें कर रहे थे. डॉक्टर खान के साथ-साथ उनके समर्थकों ने रहस्यमयी बुखार से साफ इनकार किया और कहा कि इस बुखार के लक्षण एनसेफालाइटिस से मिलते जुलते थे. जब पुलिस को इस मामले में जानकारी मिली थी तो डॉ. कफील खान को हिरासत में ले लिया गया और सिंभौली सुगर मिल गेस्ट हाउस में भेज दिया गया था.

मीडिया से बताचीत करते हुए डॉ. कफील खान के भाई अहमद खान ने कहा कि कफील भाई को गैर कानूनी तरीके से हिरासत में लिया गया था और उन्हें किसी से मिलने भी नहीं दिया जा रहा था. अहमद ने बताया कि उसे भी मिल में जाने नहीं दिया गया. आपको बता दें कि गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत के मामले में करीब आठ महीने तक डॉ. कफील खान जेल में थे. इस साल अप्रैल महीने में ही उन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जमानत दे दी