केंद्र सरकार में 8.75 लाख पद ख़ाली हैं। कितने पद कम कर दिए गए हिसाब नहीं। छात्रों में किसानों की तरह नैतिक बल होगा तो एक साल में सारी भर्ती करा लेंगे। नफ़रत का नशा होगा मुसलमान को गाली देकर खुश होते रहें या अपनी जाति के नेता का झोला ढोते रहें। ऐसा करते हुए हिन्दी पट्टी के कई साल गोबर में बदल गए। दस लोगों को लाभ हुआ बाक़ी सब हवा हवाई।
बाक़ी नफ़रत से निकलने का लेक्चर तो दिया जा सकता है मगर निकलना आसान नहीं। मैं आज भी मानता हूँ कि धारा 370 पर आधी अधूरी जानकारी और कश्मीर से नफ़रत की राजनीति ने हिन्दी प्रदेश की राजनीतिक चेतना को बर्बाद कर दिया। ख़ैर नौजवान नहीं मानेंगे। मत मानें। अपना बस इतना कहना है कि नौकरी तो ले लो। नफ़रत का रोग नहीं छूटेगा। उसके लिए बहुत पढ़ना होगा। हर झूठ को समझना होगा और ये आपसे न हो पाएगा।
तीसरी बात रेलवे की भर्ती को लेकर समस्या ग्रुप D और NTPC ही नहीं है, ए एल पी टेक्नीशियन को लेकर भी कई सवाल है। उन सबकी भी बात कर लें।
नौकरी पर करते ही इस राज्य बनाम उस राज्य का धंधा फिर चालू हो रहा है। ये कांग्रेस बनाम बीजेपी और ये भर्ती बनाम वो भर्ती आप करते रहिए। अब जितना किया वो काफ़ी है। आगे से नौकरी वाले मामले को विराम करना पड़ेगा। हमको आपसे वोट थोड़े न लेना है और न तारीफ। आपको जिससे मैनेज होना है, होते रहिए।
बाक़ी नफ़रत में उलझा कर आपके सपनों को जिसने नष्ट किया है उसकी पूजा ज़रूर करते रहिए। आप लोगों के साथ ग़लत तो हुआ ही है। आपके साथ ऐसा नहीं होना चाहिए।