लखनऊ (यूपी): अखिलेश यादव भी इस बार चुनावी मैदान में उतर सकते हैं, सूत्रों ने यह जानकारी दी है, इससे पहले अखिलेश यादव ने कहा कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे और वह राज्य की हर सीट पर दमखम झोंकेंगे।
फिलहाल अखिलेश यादव आजमगढ़ सीट से लोकसभा सांसद हैं और उन्होंने कभी विधायिकी का चुनाव नहीं लड़ा है, लेकिन अब सवाल उठ रहा है कि अगर अखिलेश यादव चुनाव लड़ेंगे तो कहां से।
मिली जानकारी के मुताबिक अखिलेश यादव के आजमगढ़ की किसी सीट से चुनाव लड़ने की संभावना है, वे नहीं चाहते कि अपने गढ़ इटावा या मैनपुरी से चुनाव लड़ें, एक बड़ा मैसेज देने के लिए वे पूर्वांचल से ही किस्मत आजमाना चाहते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, सीएम योगी के गोरखपुर सीट से चुनाव लड़ने के एलान के बाद अखिलेश यादव पर दवाब बढ़ गया था।
वहीं इन खबरों के बीच मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव बुधवार को बीजेपी में शामिल हो गईं, स्वतंत्र देव सिंह, केशव प्रसाद मौर्य और अनिल बलूनी की मौजूदगी में अपर्णा यादव ने भगवा दल का दामन थामा।
यादव ने कहा कि वह पीएम मोदी और उनकी नीतियों से हमेशा से प्रभावित रही हैं और अब वह बीजेपी की सदस्यता लेकर राष्ट्र की आराधना करने निकल पड़ी हैं,
उन्होंने कहा कि मैं हमेशा से प्रधानमंत्री जी से प्रभावित रही हूं, मेरे चिंतन में हमेशा राष्ट्र सबसे पहले है, राष्ट्र धर्म मेरे लिए सबसे ज्यादा जरूरी है, मैं बस, यही बोलना चाहती हूं कि अब मैं राष्ट्र की आराधना करने निकली हूं, उन्होंने कहा कि वह अपनी क्षमता के अनुरूप जो भी कर सकती हैं, बीजेपी के लिए करेंगी।
अखिलेश यादव के विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलों के मद्देनजर मौर्य ने उनपर चुटकी लेते कहा कि वह सुरक्षित ठिकाना तलाश रहे हैं, उन्होंने कहा कि बीजेपी ने अपनी पहली सूची जारी कर दी है और मुख्यमंत्री योगी के गोरखपुर से व उनके सिराथू से लड़ने की भी घोषणा की जा चुकी है लेकिन अभी तक अखिलेश अपनी सीट का फैसला नहीं कर सके हैं।
मौर्य ने कहा, अखिलेश यादव अक्सर दावा करते रहते हैं कि मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने बहुत विकास कार्य किए हैं लेकिन आश्चर्य यह हो रहा है कि वह अपने लिए एक सुरक्षित ठिकाना तलाश रहे हैं।