लखनऊ (यूपी): ओवैसी की तैयारी है कि यूपी में इस बार 100 सीटों पर अपने उम्मीदवार लड़ाये जाएं और इसके लिए लगातार वह यूपी में रैलियां और जनसभाएं कर रहे हैं, लगातार वे यूपी की अब तक की सरकारों पर आरोप भी लगाते रहे हैं कि कैसे सरकारों ने मुस्लिमों को केवल एक वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया।
यूपी में मुसलमानों की क्या स्थिती है, इसपर एक रिपोर्ट सीडीपीपी संस्था ने तैयार किया है, जिसके मुताबिक साल 2011 की जनगणना के मुताबिक यूपी में मुस्लिम समाज की कुल आबादी 38,48 मिलियन है, यूपी की कुल आबादी में मुस्लिम समाज 19,25 फिसदी है, जबकी राष्ट्रीय स्तर पर ये आंकड़ा 14,23 फीसदी है।
71 फीसदी मुस्लिम जो 15 वर्ष से ऊपर हैं वो या तो अशिक्षित हैं या फिर प्राइमरी लेवल से भी कम पढ़े हैं, जबकि देश में 58,3 फीसदी ये संख्या है, 28,49 फीसदी मुस्लिम यूपी में केवल प्राइमरी लेवल तक शिक्षित हैं, सभी को इसमें शामिल करें तो ये प्रतिशत 25 फीसदी हो जाता है और केवल 16,8 फीसदी मुस्लिम ही मिडिल लेवल से ऊपर शिक्षित हैं।
प्रदेश में केवल 4,4 फीसदी मुस्लिम समाज ही यूनिवर्सिटी तक की शिक्षा प्राप्त करने वाला है, हालांकि, 2009-10 में ये प्रतिशत 2,7 फीसदी ही था, इस रिपोर्ट के आधार पर एक बार फिर ओवैसी ने यूपी की अब तक कि सरकारों को कटघरे में खड़ा किया।
ओवैसी ने कहा कि यूपी के मुसलमानों का शोषण हुआ है और इसके लिए सभी पार्टियां जिम्मेदार हैं, हम मांग करते हैं कि स्कूल ज्यादा यूपी में खोले जाएं, इस रिपोर्ट को सामने रखने का ये मकसद था,
ओवैसी ने कहा कि एआईएमआईएम कभी भी घोषणा पत्र जारी नहीं करती, क्योंकि घोषणा पत्र पार्टियां केवल झूठ बोलने के लिए बनाती हैं, सपा पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा कि ये जो रिपोर्ट है मुसलमानों की।
इस पर सपा के पास कोई जवाब है, बसपा के पास कोई जवाब है, बीजेपी के पास कोई जवाब है, पिछले 2 सालों से मदरसा शिक्षकों को वेतन नहीं दिया गया है, मुख्तार अब्बास नकवी ने सदन में कहा कि जल्द पैसा जारी करेंगे लेकिन आज तक नहीं जारी किया, सरकार मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैला रही है।
ओवैसी ने कहना था कि अगर प्रशासन इजाजत देती है तो हम सभाएं करेंगे, वहीं, अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए ओवैसी ने कहा कि अखिलेश यादव से पूछिए कि उनके ख्वाब में श्रीकृष्ण आते हैं तो क्या उनके ख्वाब में उर्दू नहीं आती, स्कूल नहीं आते, केवल मुसलमानों का वोट चाहिए उन्हें।