दिल्ली 8 दिसम्बर 3। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि सरकार के प्रवक्ता लगातार अर्थव्यवस्था में सुधार की बात कर रहे हैं, लेकिन इसका असर धरातल पर कहीं नजर नहीं आ रहा है और इसके फायदे कुछ ही हैं। बुधवार को यहां संसद के सेंट्रल हॉल में कांग्रेस संसदीय दल श्रीमती गांधी ने कहा कि कुछ शेयरों की कीमतें बढ़ाने और कुछ कंपनियों को लाभ देने से न तो अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है और न ही आम आदमी का विकास, बेरोजगारी बढ़ रहा है और लोगों का कारोबार ठप है।
उन्होंने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था में सुधार नहीं कर रही है बल्कि बैंकों, बीमा कंपनियों, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों, रेलवे, हवाई अड्डों आदि को बेचकर पैसा जुटा रही है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां पिछले सात दशकों में बड़ी मेहनत से बनाई गई हैं लेकिन मोदी सरकार उन्हें नष्ट करने की कोशिश कर रही है और सरकारी कंपनियों को जल्दबाजी में बेचा जा रहा है।
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कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि नवंबर 2016 में जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संप्रदाय को लागू किया है तब से देश की अर्थव्यवस्था चरमराने लगी है और उन्हें अभी भी यह समझ में नहीं आया है. अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार के सरकार के दावे बेमानी हैं उन्होंने सवाल किया कि क्या यह जानना महत्वपूर्ण है कि ये सुधार किसके लिए किए जा रहे हैं।
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उन्होंने महंगाई को आम लोगों की कमर तोड़ने वाला करार देते हुए कहा कि सरकार इस पर लगाम लगाने में नाकाम रही है. उन्होंने तेल की हालिया कमी को अपर्याप्त बताते हुए कहा कि कीमतें आम आदमी की पहुंच के भीतर होनी चाहिए।