केवल 19 विधान सभा सीटों वाले बुंदेलखंड की जनता का बदलता मिजाज किसी भी राजनैतिक दल को झटका दे जाता है. जलजीवन मिशन की महत्वाकांक्षी परियोजना से लेकर डिफेंस कारीडोर व बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के जरिए उद्योग- कारोबार बढ़ाने वाली योजनाओं को रफ्तार देने के लिए भाजपा, खास रणनीति और जातीय व क्षेत्रीय समीकरणों से अपनी जीत को बरकरार रखने हेतु बेकरार है. 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा 5, बसपा 7, कांग्रेस 4 व भाजपा ने 3 सीटें जीती थीं। उसके बाद से *2017* विधानसभा व एक लोक सभा *2019* चुनाव में भाजपा का यहां डंका रहा है। *2012* में सपा ने 224 सीटें लेकर जब यूपी में सरकार बनाई थी तब उसे बुंदेलखंड इलाके के हमीरपुर, ललितपुर, महोबा में उनका स्कोर जीरो था।
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वहीं *2007* के चुनाव में सपा केवल 6 सीट जीत पाई थी। कभी बसपा का मजबूत किला रहे बुंदेलखंड में अब इस पार्टी की चमक फीकी नज़र आ रही है। प्रियंका गांधी द्वारा चित्रकूट जाकर चलाये गए चुनावी अभियान की भीड़ वोट में कितना बदल पाती है ये तो वक्त ही बतायेगा.
*बुंदेलखंड* के अंतर्गत दो मंडल *झांसी व चित्रकूट* आते हैं। इसमें सात जिले *जालौन, झांसी, ललितपुर, हमीरपुर, बांदा व चित्रकूट* हैं। बुंदेलखंड में आने वाली 19 विधान सभा सीटें इस प्रकार हैं।
*1.माधोगढ़, 2.कालपी, 3.उरई, 4.बबीना, 5.झांसी नगर, 6.मऊरानीपुर, 7.गरौठा, 8.ललितपुर, 9.महरौनी 10.हमीरपुर, 11.राठ, 12.महोबा, 13.चरखारी, 14.तिंदवारी, 15.बबेरू, 16.नरैनी, 17.बांदा, 18.चित्रकूट, 19.मानिकपुर*
*#पिछड़ा व दलित बाहुल्य क्षेत्र* बुन्देलखण्ड में किसान काफी गरीब हैं। विकास बड़ा मुद्दा है। सूखा, छुट्टा जानवर, गरीबी, बेकारी, बेरोजगारी, साहूकारों का कर्ज व पलायन यहां बड़ी समस्या रहे हैं। यहां अपराधी, खनन माफियाओ का बोलबाला है. गत 74 वर्षों में योजनायें तो बहुत बनी. हजारों करोड़ का फण्ड सरकारी बाबुओं, ठेकेदारों और नेताओं के माध्यम से ठिकाने लगता रहा और बुन्देलखण्ड जस का तस दरिद्र रहा।
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नदियों को जोड़ने की योजना व पेयजल मिशन, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, डिफेंस कारीडोर के अलावा नए एयरपोर्ट की वर्तमान योजनाएं लोगों को कितनी रिझा पायेंगी? ये तो वक्त ही बतायेगा अलबत्ता पाठा क्षेत्र की जल योजना, बरगढ की फ्लोट ग्लास योजना, बांदा की कताई मिल जैसी महत्वाकांक्षी योजनायें फ्लॉप हो गईं. केन-बेतवा लिंक योजना के बारे में समाज सेवियों और पर्यावरण के जानकार शुरू से विरोध में रहे हैं. कारण दोनों नदियों का उद्गम स्थल सूखा क्षेत्र ही है. यानी सूखा पड़ने की स्थिति में ये दोनों सूख जाती हैं और बाढ का शैलाब पूरे इलाके की फसल बहा ले जायेगा. बुन्देलखण्ड में वर्षा जल भंडारण की सख्त ज़रूरत है. गौरतलब है कि चन्देलकालीन बुन्देलखण्ड में 7000 तालाब और 4 लाख कुंवे थे.
*एन.सिद्दीकी*
*#2017 में बुंदेलखंड* की *19 विधानसभा सीटों* का व्यौरा
*219 माधौगढ़ विधानसभा* से भाजपा के मूलचन्द्र निरंजन को 108479 मत
*220 कालपी विधानसभा* से भाजपा के नरेन्द्र पाल सिंह जादौन को 85071 मत
*221 उरई विधानसभा* से भाजपा के गौरी शंकर वर्मा को 140485 मत
*222 बबीना विधानसभा* से भाजपा के राजीव पारीछा को 96713 मत
*223 झाँसी नगर विधानसभा* से भाजपा के रवि शर्मा को 117873 मत
*224 मऊरानीपुर विधानसभा* से भाजपा के बिहारी लाल आर्य को 98905 मत
*225 गरौठा विधानसभा* से भाजपा के जवाहर राजपूत को 93378 मत
*226 ललितपुर विधानसभा* भाजपा के रामरतन कुशवाहा को 156942 मत
*227 महरौनी विधानसभा* भाजपा के मनोहर लाल ‘मन्नू कोरी’ को 159291 मत
*228 हमीरपुर विधानसभा* भाजपा के अशोक चन्देल को 110888 मत
*229 राठ विधानसभा* भाजपा की मनीषा अनुरागी को 147526 मत
*230 महोबा विधानसभा* भाजपा के राकेश गोस्वामी को 88291 मत
*231 चरखारी विधानसभा* भाजपा के बृजभूषण राजपूत को 98360 मत
*232 तिन्दवारी विधानसभा* भाजपा के बृजेश प्रजापति को 82197 मत
*233 बबेरू विधानसभा* भाजपा के चन्द्रपाल कुशवाहा को 76187 मत
*234 नरैनी विधानसभा* भाजपा के राजकरन कबीर को 92412 मत
*235 बाँदा विधानसभा* भाजपा के प्रकाश द्विवेदी को 83169 मत
*236 चित्रकूट विधानसभा* भाजपा के चन्द्रिका उपाध्याय को 90366 मत
*237 मानिकपुर विधानसभा* भाजपा के आर.के. पटेल को 84988 मत