संसदीय लोकतंत्र में सरकार की जवाबदेही जरूरी : राम नाथ कोविंद
नई दिल्ली 04 दिसंबर ।राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज कहा कि संसद लोगों की इच्छा का प्रतीक है और संसदीय समितियां इसके विस्तार के रूप में कार्य करती हैं और इसे प्रभावी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
शनिवार को संसद भवन के सेंट्रल हॉल में लोक लेखा समिति के शताब्दी समारोह का उद्घाटन करते हुए, श्री कोविंद ने संसदीय लोकतंत्र में सरकार की जवाबदेही की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि चूंकि यह संसद थी जिसने कार्यपालिका को धन जुटाने और खर्च करने की अनुमति दी थी, यह समीक्षा करना भी उसका कर्तव्य था कि क्या धन को घोषित उद्देश्यों के अनुसार उठाया और खर्च किया गया था। संसदीय समितियां, विशेष रूप से लोक लेखा समिति, विधायिका के प्रति कार्यपालिका की प्रशासनिक जवाबदेही सुनिश्चित करती हैं। उनके बिना संसदीय लोकतंत्र अधूरा होगा।
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राष्ट्रपति ने कहा कि लोग लोक लेखा समिति के माध्यम से सरकारी वित्त की निगरानी करते हैं।
श्री कोविंद ने महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि लोक लेखा समिति गांधी के विचारों और अपेक्षाओं पर खरी उतरी है। दशकों से उनका रिकॉर्ड प्रशंसनीय और उल्लेखनीय रहा है, और उनके काम की स्वतंत्र विशेषज्ञों द्वारा प्रशंसा की गई है। उन्होंने कहा कि समिति तकनीकी अनियमितताओं की पहचान करने के लिए न केवल कानूनी और औपचारिक दृष्टिकोण से सरकारी खर्च की जांच करती है, बल्कि अर्थव्यवस्था, ज्ञान और उपयुक्तता के दृष्टिकोण से भी जांच करती है।
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राष्ट्रपति ने आशा व्यक्त की कि लोक लेखा समिति का शताब्दी समारोह कार्यपालिका को अधिक जवाबदेह ठहराने और लोक कल्याण में सुधार के तरीकों पर चर्चा करने के लिए एक आदर्श मंच प्रदान करेगा।