28 नवंबर, 2021 को कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी बेंगलुरु में एक शो आयोजित करने वाले थे। मुनव्वर फारूकी ने पहले कुछ महीने जेल काट चुके हैं क्योंकि कुछ हिंदुत्ववादी संगठनों ने उनके खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया था।
इस बार भी शो के आयोजित होने के कुछ घंटे पहले इसे कैंसिल करना पड़ा। पुलिस ने कार्यक्रम के आयोजकों को “सलाह” दी कि वे शो रद्द कर दें। पुलिस को हिंदू जनजागृति समिति से एक पत्र मिला था, जिसके सदस्यों पर संपादक-कार्यकर्ता गौरी लंकेश और विद्वान एम.एम. कलबुर्गी के कत्ल का आरोप लगा है। पत्र में आरोप लगाया गया था कि मुनव्वर सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ रहे हैं और उन्होंने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, और हिंदू देवताओं पर अनुचित मजाक करे हैं।
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पुलिस का शो को रद्द करने की मांग को मान लेना न केवल शर्मनाक है, बल्कि शो का निजी तौर पर आयोजित होना इसे और भी शर्मनाक बना देता है। पुलिस को निजी तौर पर आयोजित हुए शो को रद्द करने की “सलाह” देने का कोई अधिकार नहीं था। यह स्पष्ट है कि पुलिस हिंसा की धमकी देने वाले इन हिंदुत्ववादी संगठनों के साथ मिलकर काम कर रही है।
शो के आयोजकों ने यह भी बताया कि उन्हें शो आयोजित करने की अनुमति लेने की जरूरत नहीं शो क्योंकि शो को निजी तौर पर आयोजित किया गया था।
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मानवाधिकार संगठन नैशनल कॉंफएडेरटीऑन ऑफ यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ) पुलिस की निष्क्रियता की निंदा करता है। यह निष्क्रियता, वास्तव में, उन संगठनों के साथ मिलीभगत है जो हिंसा की धमकी देते हैं और झूठे आरोप लगाते हैं। कई लोगों ने यह भी आरोप लगाया है कि मुनव्वर को उनकी मुस्लिम पहचान के कारण निशाना बनाया जा रहा है। हम हर न्यायप्रिय संगठन से आह्वान करते हैं कि वह नफरत और भय फैलाने वाली इस संस्कृति के खिलाफ आवाज उठाएं