अब मोदी सरकार और भाजपा को कोई राफेल घोटाले के दाग से बचा सकता है तो सिर्फ और सिर्फ यह व्यक्ति. यह व्यक्ति मामूली नहीं है यह फ्रांस के नेशनल फाइनेंसियल प्रोसिक्यूटर आफिस ( पीएनएफ) के निदेशक जीन फ्रान्सोसिस बोन्हार्ट हैं, यही राफेल में हुए घोटाले की जांच कर रहे हैं।
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अब स्थिति यह है कि अगर मोदी सरकार इन्हें देश का वित्तमंत्री भी बना दे तो भी राफेल की जांच तो होकर रहेगी यह तय है । क्योंकि 2019 में यूरोपियन यूनियन के मुख्य अधिवक्ता के तौर पर प्रस्तावित यह एकमात्र नाम था आपको बता दें इनकी ईमानदारी और कर्मठता की कसमें खाई जाती हैं।
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आपको यह बताना जरुरी है कि राफेल के मामले में पहले भी पीएनऍफ़ में शिकायत दर्ज कराई गई थी, लेकिन अज्ञात दबाव की वजह से तत्कालीन निदेशक एलियन हालेट ने बिना जांच कराए डेसाल्ट को और इस पूरे सौदे को क्लीन चिट दे दी थी। अब फ्रांस की प्रतिष्ठा फंस गई है, देखना है जांच में किस किस दागी का चेहरा सामने आता है।