आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जब रविवार को गाजियाबाद में कह रहे थे – कोई भी शख्स जो यह कहता है कि मुसलमान भारत में नहीं रह सकते, वो हिन्दू नहीं हो सकता। इसी तरह लिंचिंग करने वाला हिन्दू नहीं हो सकता। …भारत में इस्लाम खतरे में नहीं है। ठीक उसी समय हरियाणा में मेवात के पटौदी में एक हिन्दू महापंचायत हो रही थी, जिसमें मुसलमानों को जान से मारने और देश से निकालने के भाषण दिए जा रहे थे।
पटौदी में इस महापंचायत का आयोजन आरएसएस के राजनीतिक मुखौटे भाजपा प्रवक्ता सूरजपाल अम्मू ने किया था। पटौदी की महापंचायत में पुलिस मौजूद थी, पुलिस को आयोजकों के बारे में पता था कि वे क्या बोलते हैं, इसके बावजूद उसने इस साम्प्रदायिक महापंचायत पर रोक नहीं लगाई। पटौदी महापंचायत में उस युवक रामभक्त गोपाल को भी लाया गया, जिसने सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलन में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र-छात्राओं पर लक्ष्य करके फायरिंग की थी। उसी गोपाल ने महापंचायत में नारा लगाया- जब मुल्ले काटे जाएंगे, राम-राम चिल्लाएंगे। यह वीडियो सोशल मीडिया पर अब वायरल है।
पटौदी महापंचायत
क्रिकेटर, नवाब पटौदी, शर्मिला टैगोर, सैफ अली खान और इम्तियाज महल के लिए मशहूर पटौदी में भाजपा प्रवक्ता सूरजपाल अम्मू ने यह महापंचायत लव जिहाद और आबादी नियंत्रण के मुद्दे पर बुलाई थी। एक्टर सैफ अली खान को निशाने पर लेते हुए सूरजपाल अम्मू ने कहा कि लोग कह रहे हैं कि पटौदी में खुलेआम लव जिहाद चल रहा है। जिन्होंने तैमूर को जन्म दिया वो भी पटौदी के हैं। अम्मू ने एक शख्स की तरफ इशारा करते हुए कहा, ठाकुर साहब यहां बैठे हैं। जब नवाब पटौदी का निधन हुआ था, वह आप ही थे, जिन्होंने नवाब को पगड़ी बांधी थी। हम इज्जत देना जानते हैं लेकिन हम तैमूर की मां से कहना चाहते हैं कि बस, अब बहुत हो चुका है। अम्मू ने कहा कि यह लव जिहाद शर्मिला टैगोर के समय से चल रहा है और पटौदी में उसी समय से लव जिहाद के बीज बोए गए थे। तो पटौदी के लोगों इसे तुम्हीं रोक सकते हो, उन लोगों का स्वागत करना छोड़ दो।
अम्मू ने पटौदी वालों को संबोधित करते हुए कहा – अगर देश के अंदर इतिहास बनाना चाहते हो, इतिहास बनना नहीं है। इतिहास बनाना है। न तैमूर पैदा होगा, न औरंगजेब, बाबर, हुमायूं पैदा होंगे। हम सौ करोड़ हैं और वो बीस करोड़ हैं।
इसी तरह मई में मेवात के इंदरी गांव की महापंचायत में अम्मू ने कहा था – मुसलमान हमारी बहन-बेटियों की इज्जत लूटें और हमें उन्हें मारने का अधिकार भी न हो। हमें वो अधिकार चाहिए। इंदरी में यह महापंचायत उन हत्या आरोपियों के समर्थन में बुलाई गई थी, जिन्हें पुलिस ने एक मुस्लिम जिम ट्रेनर आसिफ की हत्या में गिरफ्तार कर लिया था। इस महापंचायत के बाद मेवात पुलिस ने चार आरोपियों को छोड़ दिया था, क्योंकि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले थे। इंदरी महापंचायत के बाद मेवात में तनाव बन गया था और अब पटौदी में फिर से विवादास्पद मुद्दों पर महापंचायत की गई।
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