नई दिल्ली : कांग्रेस ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उच्चतम न्यायालय के कड़े रुख तथा कांग्रेस नेतृत्व के दबाव में छह माह के भीतर टीकाकरण पर तीसरी बार नीति बनाकर 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को मुफ्त टीका लगाने की घोषणा तो कर दी लेकिन उनका यह एलान अब भी दोषपूर्ण और आधा अधूरा ही है।
सुरजेवाला ने सोमवार को मोदी के देश को संबोधित करने के बाद सभी वयस्क नागरिकों का निशुल्क टीकाकरण करने की उनकी घोषणा पर कहा देर से ही सही लेकिन कांग्रेस के सुझाव को मान लिया गया है।
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उनका कहना था कि इस नीति में भले ही बहुत खामियां हैं लेकिन बार-बार कांग्रेस नेतृत्व के सुझाव को ठुकराने के बाद अंत में न्यायालय के दबाव में अधूरा ही सही लेकिन नागरिक हित की इस मांग स्वीकार कर लिया है।
प्रवक्ता ने कहा कि सरकार तीसरी बार कोरोना टीकाकरण की नीति लेकर आई है। पहले 16 जनवरी को 45 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को निशुल्क टीका लगाने का फैसला किया। विपक्ष ने सभी नागरिकों के टीकाकरण की मांग की तो दबाव में एक मई से 18 से 45 साल के लोगों के टीकाकरण का फैसला लिया लेकिन इसका जिम्मा राज्यों को सौंप दिया गया।
सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आज तीसरी बार टीकाकरण की नीति की घोषणा की और कहा कि सभी नागरिकों का टीकाकरण केंद्र सरकार करेगी लेकिन इसमें मध्यम वर्ग पर बोझ डाला गया है। पहले सरकार कुल टीका उत्पादन का 50 प्रतिशत टीके की खरीद करती थी और अब 75 फ़ीसदी खरीदेगी और शेष 25 फ़ीसदी निजी अस्पताल खरीदेंगे।
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उन्होंने कहा कि टीके में सरकार अब भी मुनाफा खोज रही है। उनका कहना था कि निजी अस्पतालों में देश का मध्यम वर्ग टीका लगाने जाएगा और उनकी जेब से सरकार कमाई करेगी। उनका कहना था कि कोरोना टीका को लेकर सरकार की मंशा शुरू से ही फायदा कमाने की रही है और तीसरी नीति में भी उसने टीकाकरण का आधा अधूरा फैसला कर कमाई का रास्ता खुला रखा है।
प्रवक्ता ने कहा कि मोदी दावा कर रहे हैं कि वह इस साल के अंत तक देश के सभी नागरिकों का टीकाकरण कर देंगे। उन्होंने सवाल किया कि टीका उत्पादन अभी 15.50 लाख है। इस गति से टीकाकरण चलता रहा तो मई 2024 तक देश में पूरी तरह से टीकाकरण हो सकेगा