नई दिल्ली : कांग्रेस ने मौजूदा आर्थिक हालत के लिए कोरोना को भी एक कारण बताया लेकिन कहा कि अर्थव्यवस्था में जबरदस्त गिरावट की सबसे बड़ी वजह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार का आर्थिक कुप्रबंधन है जिसके कारण देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गयी है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने मंगलवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश की मौजूदा स्थिति के लिए कोरोना निससंदेह एक कारण है लेकिन सरकार के आर्थिक जानकारों की सलाह को ठुकराना और मनमाने निर्णय लेना इस आर्थिक संकट की बड़ी वजह है।
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उन्होंने कहा कि सरकार ने आर्थिक क्षेत्र से जुड़े प्रतिष्ठित संस्थानों और विशेषज्ञों की राय को महत्व नहीं दिया और कोरोना काल में आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाए रखने के लिए जो वैश्विक अनुभव थे उनको नजरअंदाज किया है। उसने लोगों में नकद पैसा देने का सुझाव भी खारिज किया और जो आर्थिक पैकेज लाई वह भी निष्प्रभावी रहा।
चिदंबरम ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि देश के आर्थिक हालात दुरुस्त करने के लिए कांग्रेस ने गरीबों को नकद पैसा देने का जो सुझाव सरकार को दिया था उन्हें देश के दो महत्वपूर्ण वाणिज्यिक संगठनों सीआईआई तथा फिक्की ने भी सही बताया है।
चिदंबरम ने कहा कि देश के आर्थिक हालत लगातार बिगड़ रहे हैं और सरकार विपक्ष तथा विशेषज्ञों की सलाह नहीं मान रही है। सबसे चिंता की बात यह है कि प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की दर एक लाख से घटकर 99694 पर आ गयी है।
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उन्होंने कहा कि देश में रोजगार टूट गया है और बेरोजगारी चरम पर है। उनका कहना था कि अजीज प्रेमजी विश्वविद्यालय की एक रिपोर्ट के अनुसार 23 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे पहुंच गए है। कांग्रेस नेता ने कहा कि देश की जीडीपी में 7.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज किया जाना चिंता की बात है। देश में यह आर्थिक दर चार दशक में सबसे निचले स्तर पर है।
उन्होंने कोराना को हराने के लिए टीकाकरण को जरूरी बताया और कहा कि गरीबों को नगद पैसा दिए बिना और सबका निशुल्क टीकाकरण किए बिना हालात में सुधार नहीं हो सकते। उनका कहना था कि टीके की बहुत कमी है और यही वजह है कि तमिलनाडु सरकार ने आधिकारिक रूप से टीकाकरण कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया है। झारखंड सरकार ने पैसे की कमी का हवाला देते हुए टीकाकरण करने में असमर्थता जताई है ।