नई दिल्ली : वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व विधायक डॉ. नरेश कुमार ने कहा है कि कोरोना महामारी के बाद देश में अब ब्लैक फंगस की नयी बीमारी लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है और यह बहुत दुखद है कि उसकी पर्याप्त दवा देश में नहीं है।
डा. कुमार ने गुरूवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन को लिखे एक पत्र में मांग करते हुए कहा कि दिल्ली के अलावा ब्लैक फ़ंगस की बीमारी पूरे देश में फैल चुकी है और उसकी पर्याप्त दवा देश में नहीं है जिसे देखते हुए तत्काल विदेश से आयात करके दिल्ली और अन्य राज्यों को वितरित की जाए।
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उन्होंने कहा कि दिल्ली राज्य में वैक्सिनेशन की भारी कमी है उसकी भी पर्याप्त डोज़ (वैक्सीन) दिल्ली को दी जाए। इन्होंने इस मौक़े पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन के इस बयान की भी निंदा की जिसमें उन्होंने एक ट्वीट कर कांग्रेस पर लाशों पर राजनीति करने की बात कही थी। कुमार ने कहा कि सच्चाई तो यह है, कि केन्द्र सरकार पहले कोरोना और अब ब्लैक फ़ंगस महामारी पर अंकुश लगाने में नाकाम रही है।
कांग्रेसी नेता ने कहा कि 15 मई को एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने भी बीमारी की गंभीरता के बारे में अपने विचार व्यक्त किए थे। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री दोनों उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनावों पर तो चर्चा कर रहे हैं लेकिन, ये ब्लैक फ़ंगस बीमारी जो महामारी का रूप लेते जा रही है, उस पर विचार करने या निपटने के लिए कोई रणनीति नहीं हैं।
डा. कुमार ने कहा कि इस बीमारी की दवाई एम्फोटेरेसिन बी देश में पर्याप्त मात्रा में नहीं है। कुल 1.63 लाख शीशियां देश में दवाई कम्पनियों द्वारा पूरे मई माह में बनाई जा सकती हैं जबकि अब देश में बलैक फंगस के 11,117 मरीज़ हैं जिसके लिए क़रीब ग्यारह लाख वाइल्स चाहिएँ लेकिन 3.63 लाख शीशियां विदेश से आयात करने का ऑर्डर दिया है जो अभी जारी है, फिर भी छह लाख वाइल्स की कमी है जिसे लेकर सरकार ने कोई व्यवस्था नहीं की है।
इस मौक़े पर उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह अपनी नाकमियों को छुपाने के लिए राजनीतिक विलाप कर रहे हैं जबकि सच्चाई यह है कि जब अपने लिए उन्हें सुविधा चाहिए होती है तब वो दिल्ली के उपराज्यपाल या केन्द्रीय गृह मंत्री से जाकर मिलते हैं और बात करते हैं परंतु जब दिल्ली के लोगों को वैक्सिनेशन और ब्लैक फ़ंगस की दवाई चाहिए तब वो उपराज्यपाल और गृहमंत्री से क्यों नहीं मिलते हैं।
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उन्होंने केजरीवाल से यह भी कहा कि जब दूसरे राज्यों ने कोरोना और ब्लैक फंगस की दवा के लिए ग्लोबल टेंडर जारी कर लिए हैं तो दिल्ली ने ऐसा क्यों नहीं किया। लेकिन सच्चाई यह है कि केंद्र और दिल्ली सरकार अपनी नाकामियाँ एक दूसरे पर लादने का प्रयास कर रही हैं और दिल्ली और देश की जनता को भगवान भरोसे मरने को छोड़ दिया है।