नई दिल्ली : केन्द्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने आज कहा कि सरकार अपने सभी नागरिकों के लिए निजता का अधिकार सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन इसके साथ ही कानून व्यवस्था बनाए रखने और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भी उसकी है।
सोशल मीडिया को लेकर आज से नियम लागू होने के बीच प्रसाद ने कहा कि “भारत द्वारा प्रस्तावित किसी भी कदम से किसी भी प्रकार से वाट्सऐप का सामान्य कामकाज प्रभावित नहीं होगा और आम उपयोगकर्ताओं पर कोई असर नहीं होगा।”
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सभी स्थापित न्यायिक कथन के तहत, निजता का अधिकार सहित कोई भी मौलिक अधिकार पूर्ण नहीं है और यह तार्किक सीमाओं से संबंधित हैं। सूचना को सबसे पहले जारी करने वाले या लेखक से जुड़े मध्यवर्ती दिशानिर्देशों की आवश्यकता ऐसी ही तार्किक सीमा का उदाहरण है।जब अनुपातिकता के परीक्षण के माध्यम से मध्यवर्ती दिशानिर्देशों के नियम 4 (2) का परीक्षण किया जाता है तो यह परीक्षण भी हो जाता है।
इस परीक्षण का आधार यह है कि क्या कोई कम प्रभावी वैकल्पिक उपाय उपलब्ध है। मध्यवर्ती दिशानिर्देशों के तहत, सूचना के पहले लेखक की पहचान सिर्फ उसी परिदृश्य में हो सकती है, जहां अन्य उपाय निष्प्रभावी हो जाएं, तो उसी को आखिरी उपाय बना दिया जाए। इसके अलावा, ऐसी जानकारी सिर्फ कानून के तहत स्वीकृत प्रक्रिया के माध्यम से ही मांगी जा सकती है, जिससे पर्याप्त कानूनी सुरक्षा को शामिल किया जा सके।
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उन्होंने कहा “यह ध्यान रखना जरूरी है कि संबंधित दिशानिर्देशों के नियम 4 (2) के तहत भारत की सम्प्रभुता, अखंडता और सुरक्षा के साथ ही से संबंधित अपराध में सिर्फ रोकथाम, जांच, और सजा आदि के उद्देश्य से और बलात्कार, यौन सामग्री या बाल यौन उत्पीड़न सामग्री से संबंधित अपराध से जुड़े सार्वजनिक आदेश, जिनमें सार्वजनिक आदेश में सजा 5 साल से कम नहीं हो, के मामलों में ही सूचना के पहले लेखक की पहचान के लिए यह आदेश जारी किया जाएगा।